जशपुर वासियों का सपना होगा साकार, जिले में चलेगी रेलगाड़ी, रेल मंत्रालय ने दिखाई हरी झंडी
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की जनता को रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक नई सौगात देते हुए, इस रेल लाइन के निर्माण के लिए नए सिरे से सर्वे की स्वीकृति दे दी है। इसके लिए 8 करोड़ का बजट भी जारी कर दिया है।
जशपुर, 30 जुलाई। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में कई सालों से रेलगाड़ी का इंतजार कर रहे लोगो के लिए राहत भरी खबर है। क्योंकि लंबे अरसे से रेल की राह देख रहे कोरबा, जशपुर के लोगों को कोरबा-लोहरदगा रेल लाइन की सौगात मिलने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने छत्तीसगढ़ की जनता को एक नई सौगात देते हुए, इस रेल लाइन के निर्माण के लिए नए सिरे से सर्वे की स्वीकृति दे दी है। इसके लिए 8 करोड़ का बजट भी जारी कर दिया है। रेल विभाग ने इस सर्वे के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी है।
लोकसभा
सांसद
गोमती
साय
ने
लोकसभा
में
उठाया
था
मुद्दा
रायगढ़
लोकसभा
की
सांसद
गोमती
साय
ने
यह
जानकारी
देते
हुए
बताया
कि
धरमजयगढ़,पत्थलगांव,
लोहरदगा
रेल
लाइन
240
किलोमीटर
और
सरडेगा
पत्थलगांव
रेल
लाइन
128
किलोमीटर
स्वीकृत
सर्वे
कार्य
में
शामिल
है।
इससे
कोरबा,
जशपुर,
पत्थलगांव
के
लोगो
को
राहत
मिलेगी।
दरअसल
जशपुर
में
रेलवे
लाईन
को
लेकर
काफी
लंबे
समय
से
लोगों
को
इन्तज़ार
था
।और
स्थानीय
स्तर
पर
कई
बार
रेलवे
की
लड़ाई
भी
लड़ी
गई।
2019
के
बाद
जिले
में
रेलवे
लाईन
का
मुद्दा
फिर
से
जोर
पकड़ा
जब
2019
में
पहली
बार
सांसद
बनी
गोमती
साय
ने
इस
मुद्दे
को
संसद
के
पटल
पर
उठाया।
उसके
बाद
नई
रेल
लाईन
के
लिए
भू
तकनीकी
जांच,
फील्ड
विवरण
तैयार
करने
की
प्रक्रिया
की
शुरुआत
हुई।
आठ
अगस्त
को
खोली
जाएगी
निविदा
सांसद
ने
जानकारी
देते
हुए
बताया
कि
रेलवे
द्वारा
सर्वे
का
टेंडर
जारी
किए
जाने
के
बाद
यह
तय
हो
गया
है,
कि
जिले
में
रेलवे
लाईन
की
प्रक्रिया
अब
शुरु
हो
गयी
है।
उन्होंने
बताया
कि
नीजी
कंपनियों
द्वारा
3
अगस्त
तक
निविदा
भरे
जाएंगे।
निविदा
फार्म
को
अगले
माह
8
अगस्त
को
खोला
जाएगा।
इसके
साथ
ही
सर्वे
की
प्रक्रिया
शुरू
जाएगी।
कोरबा
लोहरदगा
रेल
लाइन
का
सपना
पांच
दशक
से
भी
पुराना
है।
पहले
भी
तीन
बार
हो
चुका
है
सर्वे
इस
रेल
लाइन
का
तीन
बार
सर्वे
पहले
में
भी
किया
जा
चुका
है।
जानकारों
के
अनुसार
सबसे
पहले
1970
में
सर्वे
किया
गया
था।
इसके
बाद
दूसरी
बार
1980
में
और
तीसरी
बार
यूपीए
सरकार
में
वर्तमान
में
पश्चिम
बंगाल
की
मुख्यमंत्री
सुश्री
ममता
बनर्जी
के
रेल
मंत्री
रहते
हुए
भी
सर्वे
कार्य
हो
चुका
है।
लेकिन
मामला,
इससे
आगे
अब
तक
नहीं
बढ़
पाया
है।
हालांकि
बीते
10
सालों
में
इस
परियोजना
में
प्रगति
जरूर
हुई
है।
झारखंड
के
गुमला
जिले
और
छत्तीसगढ़
के
रायगढ़
जिले
के
धरमजयगढ़
होते
हुए
कोरबा
तक
रेल
लाइन
के
विस्तार
का
काम
पूरा
हो
चुका
है।
अब
सिर्फ
लोहरदगा
से
धरमजयगढ़
के
बीच
का
काम
शेष
रह
गया
है।
सांसद
गोमती
ने
कहा-
भूल
चुके
थे
लोग
सांसद
गोमती
साय
ने
इसकी
पुष्टि
करते
हुए
कहा
कि
रेल
मंत्री
अश्वनी
वैष्णव
ने
उनकी
बातों
को
न
केवल
गम्भीरता
से
सुना
बल्कि
अमल
भी
किया
।
जशपुर
में
रेल
एक
सपना
था,
और
धीरे
धीरे
लोग
सपना
देखना
भी
बंद
कर
दिए
थे
लेकिन
हमारी
सरकार
ने
संसद
में
हमारे
द्वारा
उठाये
गए
इस
बहुप्रतीक्षित
मुद्दे
पर
अमल
किया
यह
हम
सबका
सौभाग्य
है।