CWG-2022 : बैडमिंटन में सिल्वर मैडल लेकर आकर्षी पहुंची छत्तीसगढ़, स्वागत में उमड़ा दुर्ग शहर
बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन करते हुए छत्तीसगढ़ की बेटी आकर्षि कश्यप ने देश के लिए सिल्वर मेडल जीता है।आज अपने गृह नगर दुर्ग पहुंचने पर आकर्षी कश्यप का लोगों ने जोरदार स्वागत किया,
दुर्ग, 10 अगस्त। बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन करते हुए छत्तीसगढ़ की बेटी आकर्षि कश्यप ने देश के लिए सिल्वर मेडल जीता है। आकर्षि ने कॉमनवेल्थ गेम्स में पहले ही मैच से ही आक्रामक रणनीति अपनाते हुए दबदबा हर मैच में कायम रखा। आज अपने गृह नगर दुर्ग पहुंचने पर आकर्षी कश्यप का लोगों ने जोरदार स्वागत किया, जगह जगह पर खिलाड़ियों व बच्चों द्वारा तिरंगा झंडा दिखाकर सिल्वर मेडल विजेता आकर्षी कश्यप को अभिनंदन किया।
9
साल
की
उम्र
से
थामा
बैडमिंटन
दुर्ग
की
रहने
वाली
महज
9
साल
की
उम्र
में
बैडमिंटन
थामने
वाली
आकर्षि
ने
छत्तीसगढ़
के
लिए
जूनियर
व
सीनियर
कैटेगरी
में
राष्ट्रीय
स्तर
पर
दर्जनों
खिताब
जीते
हैं,
गर्ल्स
सिंगल्स
कैटेगरी
में
एक
बार
अंडर-15,
दो
बार
अंडर-17
और
एक
बार
अंडर-19
नेशनल
चैंपियन
रही
है,
2019
में
पुणे
में
आयोजित
खेलो
इंडिया
यूथ
गेम्स
में
छत्तीसगढ़
के
लिए
पहला
गोल्ड
जीता
16
साल
की
उम्र
में
सीनियर
नेशनल
चैंपियनशिप
में
ब्रांज
मैडल
हासिल
किया,
वुमंस
सिंगल्स
में
आकर्षि
2019
से
देश
की
नंबर-1
खिलाड़ी
रही।
आकर्षि की हाईएस्ट वर्ल्ड रैंकिंग 57 है। जकार्ता में 2018 में आयोजित एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। नेपाल में आयोजित साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड हासिल किया। 2021 में सीनियर बैडमिंटन टूर्नामेंट में खिताब जीता था। साथ ही बहरीन में आयोजित इंटरनेशनल चैलेंज में छत्तीसगढ़ के लिए ब्रांज मैडल जीता था।
बैडमिंटन
खेल
में
तेजी
उभरता
नाम
आकर्षी
कॉमनवेल्थ
गेम
में
अंडर-19
में
सिल्वर
मैडल
जीतने
के
बाद
आकर्षी
अब
तेजी
से
देश
के
सर्वश्रेष्ठ
बैडमिंटन
खिलाड़ियों
की
सूची
में
शामिल
हो
चुकी
है।
साइना
नेहवाल
और
पीवी
सिंधु
जैसे
खिलाड़ियों
के
बाद
अब
आकर्षी
कश्यप
तेजी
से
भारत
में
बैडमिंटन
खिलाड़ियों
के
रूप
में
उभर
रही
है।
आकर्षी
बताती
हैं।कि
वे
बर्मिंघम
कैंप
में
सबसे
छोटी
खिलाड़ी
थी।
उन्हें
सीनियर
खिलाड़ियों
से
बहुत
सी
तकनीकी
गलतियों
को
सुधारने
का
अवसर
मिला।
सबा अंजुम की तरह खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करें सरकार
आकर्षी ने छत्तीसगढ़ में खेलों के लिए एक अच्छे वातावरण की जरूरत होने की बात कही। वहीं आकर्षी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के खिलाड़ियों को सबा अंजुम की तरह प्रोत्साहित करे, तो हम और अच्छा कर सकते हैं। भिलाई में बैडमिंटन के लिए भले ही अच्छे कोर्ट नहीं है, लेकिन रायपुर में अब कोर्ट का निर्माण हो रहा है।
पिता
ने
कहा
देश
का
नाम
किया
रौशन
बर्मिंघम
में
आयोजित
कॉमनवेल्थ
गेम
में
सिल्वर
मेडल
जीतकर
आकर्षी
ने
छत्तीसगढ़
सहित
पूरे
देश
का
नाम
रोशन
किया
है।
तो
वहीं
उसकी
इस
कामयाबी
के
पीछे
उसके
पिता
डॉक्टर
संजीव
कश्यप
बताते
हैं,
कि
आकर्षण
जी
तोड़
मेहनत
की
है,
हालांकि
गोल्ड
से
चूक
गए,
लेकिन
अगली
बार
गोल्ड
जरूर
भारत
की
झोली
में
होगा।
अगली
बार
पूरी
मेहनत
की
जाएगी
और
गोल्ड
जीतने
के
लिए
पूरी
कोशिश
करेगी
आकर्षी
के
सिल्वर
मेडल
जीतने
पर
खेल
संघ
के
लोगों
ने
भी
उसे
बधाई
दी
है।
उन्होंने
कहा
कि
गोल्ड
से
वंचित
हो
गई
लेकिन
अगली
बार
जरूर
गोल्ड
जीतकर
देश
का
नाम
रोशन
करूंगी।
कहा
अगली
बार
अब
गोल्ड
पक्का
आकर्षी
अब
तक
50
मैडल
जीत
चुकी
है।
जिसमें
23
सिल्वर
और
15
ब्रॉन्ज
मेडल
जीत
चुकी
है।
कॉमनवेल्थ
गेम
में
सिल्वर
मेडल
जीतने
के
बाद
आकर्षी
ने
कहा
कि
अब
आने
वाले
राष्ट्रमंडल
खेल
में
वे
गोल्ड
मैडल
लेकर
ही
भारत
लौटेंगी।
इसके
लिए
वह
कड़ी
मेहनत
कर
रही
हैं,
साथ
ही
उन्होंने
नए
खिलाड़ियों
के
लिए
कहा
की
हमें
हमेशा
प्रयास
करते
रहना
चाहिए,
और
कोशिश
नहीं
छोड़नी
चाहिए।
खेल
और
पढ़ाई
को
हमेशा
मैनेज
करते
हुए
चलना
चाहिए।
जिससे
पढ़ाई
डिस्टर्ब
न
हो।