Bhilai Steel Plant के ठेका श्रमिको का होगा निशुल्क इलाज, बढ़ी लौह अयस्क की मांग तो प्रबंधन ने लिया निर्णय
भिलाई इस्पात संयंत्र ठेका श्रमिकों के लिए राहत भरी खबर है संयंत्र के कैपटिव माइन राजहरा और नंदनी में काम करने वाले ठेका श्रमिकों को अब भिलाई इस्पात संयंत्र के नियमित कर्मचारियों की तरह निशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। प्रबंधन के इस निर्णय पर ठेका श्रमिकों ने खुशी जाहिर की है इसके अलावा श्रमिकों के परिजनों को भी इनका लाभ मिलेगा।

लंबे समय से की जा रही थी मेडिकल सुविधा की मांग
भिलाई इस्पात संयंत्र के राजहरा माइंस में काम करने वाले ठेका श्रमिकों द्वारा लंबे समय से माइंस अलाउंस और निशुल्क मेडिकल सुविधा की मांग की जा रही थी। ठेका श्रमिको को एक अक्टूबर से माइंस अलाउंस दिया जा रहा है। लेकिन प्रबंधन के निर्णय के कारण यह सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही थी। लेकिन अब प्रबंधन में बढ़ते आयरन और की डिमांड को देखते हुए यह फैसला लिया है अब ठेका श्रमिकों को भी निशुल्क मेडिकल की सुविधा मिल सकेगी।

चार हजार तक का इलाज होगा निशुल्क
दरअसल भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने इस योजना के तहत ठेका श्रमिकों को ₹4000 तक के निशुल्क इलाज की सुविधा दी है जिसके तहत परिजनों को भी इसमें शामिल किया गया है ठेका श्रमिक या उनके परिजनों के बीमार होने पर ₹4000 तक का भुगतान भिलाई स्पात संयंत्र द्वारा किया जाएगा इसके अलावा अधिक होने वाले खर्च का वाहन ठेका श्रमिक द्वारा किया जाएगा।

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बीएसपी क्षेत्र में ईएसआईसी से हो रहा इलाज
बीएसपी के टाउनशिप, प्रोजेक्ट एरिया में काम करने वाले ठेका श्रमिक जो भिलाई नगर निगम के क्षेत्रों में निवासरत हैं उनके लिए ईएसआईसी के प्रावधान लागू हैं। जिसके लिए ठेकेदार द्वारा श्रमिकों के मासिक वेतन की 3.25 प्रतिशत राशि तथा श्रमिकों द्वारा अपने वेतन की 0.75 प्रतिशत राशि ईएसआईसी को दी जाती है। जिससे श्रमिकों तथा उनके आश्रितों को ईएसआईसी के डिस्पेंसरीज में मुफ्त चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाती है साथ ही साथ रिफरल की सुविधा (ईएसआईसी के टाई-अप अस्पतालों में) भी मुहैया भी कराई जाती है।

नंदनी व राजहरा खदान के श्रमिकों को मिलेगा लाभ
लेकिन संयंत्र के खदान क्षेत्र में ईएसआईसी की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के चलते खदान क्षेत्र के ठेका श्रमिक तथा उनके परिजन मेडिकल सुविधा से वंचित थे। बीएसपी ने माइंस क्षेत्र के ठेका श्रमिकों की मांग के अनुसार इस समस्या के समाधान हेतु पहल प्रारंभ करते हुए राजहरा व नंदिनी माइंस में कार्यरत ठेका श्रमिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए शहीद अस्पताल और ज्योति अस्पताल में ओपीडी सुविधा प्रदान किया जाएगा माइंस क्षेत्र में ईएसआईसी के प्रावधान लागू न होने के बावजूद भी इन्हें चिकित्सकीय लाभ मिलेगा
आरयन ओर की बढ़ रही डिमांड, श्रमिको को किया प्रोत्साहित
दरअसल भिलाई इस्पात संयंत्र में आयरन ओर (लौह अयस्क) की मांग बढ़ती जा रही है। बढ़ते इस्पात निर्माण के चलते अब आयरन ओर की आपूर्ति के लिए खनन क्षेत्र पर जोर दिया जा रहा है। संयंत्र में प्रतिदिन 7 रैक लौह अयस्क की आवश्यकता है। रावघाट के खदानों के चालू होने के बाद से राजहरा माइंस पर फिर ठेका श्रमिकों को काम मिल सकेगा। जिसके का श्रमिकों को प्रोत्साहित करने के लिए यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही श्रमिकों के माइंस अलाउंस के रूप में ₹100 प्रतिदिन के अनुसार दी जा रही है।