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भिलाई नगर निगम को हाईकोर्ट से लगा झटका, प्लॉट बेचकर मिली राशि फ्रीज, जानिए क्या है 1248 प्लॉट का मामला

छत्तीसगढ़ में हाईकोर्ट के एक आदेश ने भिलाई नगर निगम की मुश्किलें बढ़ा दी है। हाईकोर्ट में लगी याचिका पर सुनवाई करते हुए, नगर निगम के उस राशि को फ्रीज कर दिया है जो शहर के 1248 प्लॉट को बेचकर प्राप्त होगी ।

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दुर्ग, 30 जुलाई। छत्तीसगढ़ में भिलाई नगर निगम की मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रही, बिलासपुर हाईकोर्ट के एक आदेश ने निगम की मुश्किलें बढ़ा दी है। हाईकोर्ट में लगी याचिका पर सुनवाई करते हुए, नगर निगम के उस राशि को फ्रीज कर दिया है जो शहर के 1248 प्लॉट को बेचकर प्राप्त होगी । वहीं हाईकोर्ट ने इस प्लॉट की बिक्री में सरकार को दिए जाने वाले हिस्से पर भी रोक लगा दी है। फिलहाल निगम ने 23 प्लॉट बेचकर 5 करोड़ 50 लाख रुपए प्राप्त किए हैं। नगर पालिक निगम भिलाई अब याचिका पर अपना पक्ष प्रस्तुत करेगा।

BHILAI NIGAM

क्या 1248 प्लॉट का मामला ?
दरअसल नगर पालिक निगम भिलाई के क्षेत्र में खाली पड़े भूखंडों को बेचकर निगम नगर निगम की आर्थिक स्थिति को सुधारने व विकास कार्य की योजना तैयार की गई थी। महापौर नीरज पाल की एमआईसी ने इस पर अपनी सहमति देते हुए। शहर के 1248 भूखंडों की बिक्री करने के अनुमति हेतु राज्य सरकार को पत्र लिखा। जिस पर राज्य सरकार ने अपनी सहमति देते हुए कहा कि बिक्री के पश्चात कुल राशि का 50 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार के कोष में जमा करानी होगी।
हाईकोर्ट ने आदेश में क्या कहा,
राज्य सरकार ने भिलाई नगर निगम के 1248 प्लाट बेचने की अनुमति देकर शासन ने बिक्री की राशि को आनुपातिक आधार पर बांटे जाने का आदेश दिया था। इसका एक हिस्सा शासन को भी मिलना था। इसे चुनौती देते दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्लाट बिक्री की राशि को फ्रीज कर दिया है। इसके साथ ही न्यायालयीन प्रकरण के दौरान उक्त राशि को खर्च करने पर भी रोक लगा दी है, इस आदेश के बाद नगर पालिक निगम भिलाई अब याचिका पर अपना पक्ष प्रस्तुत करेगा

भाजपा पार्षद भोजराज ने लगाई थी याचिका
भिलाई के पार्षद भोजराज ने अपने अधिवक्ता अनिमेष वर्मा के माध्यम से जनहित याचिका दायर कर बताया कि भिलाई नगर निगम ने शहर में अपने अधिकार क्षेत्र के 1248 प्लाट की बिक्री के लिए राज्य शासन से अनुमति मांगी थी। शासन ने अनुमति देते हुए कहा कि प्लाट बिक्री की जो राशि मिलेगी उसका हिस्सा निगम के अलावा अनुपातिक रूप से शासन के खाते में भी डाला जाएगा। इसका ही विरोध करते हुए हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की गई।
नगर निगम एक्ट की धारा 87 का दिया हवाला
याचिकाकर्ता के वकील ने चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई के दौरान तर्क रखते हुए कहा कि ,नगर निगम अधिनियम की धारा 87 में प्रावधान है कि जो भी आय होगी किसी भी माध्यम से वह सिर्फ नगर निगम के फंड में जमा होगी। शासन इस राशि में से कोई हिस्सा नहीं ले सकता। चाहे निगम अपनी संपत्ति किसी को लीज में दे फिर बिक्री करे , उससे मिली रकम का उपयोग सिर्फ निगम ही कर सकता है। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने बिक्री की राशि को फ्रीज कर दिया। इसके साथ ही उसे खर्च करने पर भी रोक लगा दी है।

23 भूखंड बेचकर निगम को मिले पांच करोड़ 50 लाख
भिलाई नगर निगम ने वर्तमान में 23 भूखंडों की बिक्री की है। इससे पांच करोड़ 50 लाख स्र्पये का राजस्व प्राप्त हुआ है। बड़ी राशि मिलने के बाद नगर निगम और राज्य शासन के बीच विवाद की शुस्र्आत हुई। भिलाई नगर निगम को अभी भी 1227 भूखंड की बिक्री अभी बाकि है। अनुमानित कीमत 125 करोड़ लगाई गई है।

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English summary
Bhilai Municipal Corporation got a setback from the High Court, the amount was frozen by selling the plot, know what is the matter of 1248 plot
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