दिल्ली में लॉकडाउन नहीं लगने के पीछे हैं ये कारण, सरकार और कारोबारी जगत अभी है विरोध में
नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर बेकाबू होती जा रही है। दिल्ली से लेकर यूपी, महाराष्ट्र और गुजरात में कोरोना के मामले हर दिन के साथ बढ़ते ही जा रहे हैं। देश के कई राज्यों में कोरोना बेकाबू है, लेकिन अभी तक किसी राज्य सरकार ने पूरे राज्य के अंदर लॉकडाउन की घोषणा नहीं की है। हालांकि महाराष्ट्र सरकार किसी भी वक्त लॉकडाउन की घोषणा कर सकती है। वहीं लॉकडाउन जैसी स्थिति दिल्ली में भी पैदा हो चुकी है, लेकिन दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है और इसके पीछे कुछ कारण हैं।
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इन कारणों की वजह से लॉकडाउन पर फैसला नहीं ले पा रही सरकार
1. अर्थव्यवस्था को नुकसान
दिल्ली में पिछले 2 दिनों से कोरोना के नए मामले 10 हजार के पार आ रहे हैं, लेकिन फिर भी दिल्ली सरकार स्थिति को काबू में करने की बात कह रही है। दिल्ली में केजरीवाल सरकार लॉकडाउन की घोषणा नहीं कर पा रही है, इसके पीछे 4 मुख्य कारण हैं। इनमें से सबसे पहला और मुख्य कारण है अर्थव्यवस्था को होने वाला नुकसान। आपको बता दें कि दिल्ली में अगर लॉकडाउन लगता है तो सरकार के राजस्व में बहुत बड़ा घाटा देखने को मिलेगा। पिछले साल मार्च से जून तक देशभर में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से कई राज्यों को 90 फीसदी तक राजस्व का नुकसान हुआ था। दिल्ली को लॉकडाउन की वजह से 90 फीसद का राजस्व घाटा हुआ था।
2. बेरोजगारी बढ़ेगी
लॉकडाउन लगने से बढ़े स्तर पर बेरोजगारी में इजाफा देखने को मिलता है। पिछले साल भी जब लॉकडाउन लगा था तो दिल्ली समेत कई शहरों से प्रवासी मजदूर अपने घरों की तरफ पैदल ही लौट गए थे। काम-धंधे खत्म हो गए थे और देश में बेरोजगारी का स्तर सबसे नीचे आ गया था।
आपको बता दें कि दिल्ली में लॉकडाउन लगाने को लेकर अभी सरकार और कारोबारी जगत बिल्कुल भी समर्थन में नहीं है। सरकार का कहना है कि लॉकडाउन कोरोना वायरस को खत्म करने का विकल्प नहीं है, लेकिन सरकार ने ये भी कहा है कि अगर दिल्ली के अस्पताल में जब बेड भर जाएंगे, तब लॉकडाउन लगाया जा सकता है।