कृषि कानूनों पर सरकार को चुनौती देने के लिए एक बार फिर बड़ी संख्या में दिल्ली बॉर्डर पर जमा हो रहे किसान
गेहूं की फसल कट चुकी है और अब एक बार किसान फिर से कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार को चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं।
नई दिल्ली, 12 मई। गेहूं की फसल कट चुकी है और अब एक बार किसान फिर से कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार को चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं। किसानों के सबसे बड़े संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को कहा कि फसलों की कटाई कर किसान एक बार फिर से दिल्ली के टिकरी और सिंघू बॉर्डर की ओर लौट रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने बयान में कहा कि सोमवार को किसानों का बड़ा काफिला टिकरी और सिंघू बॉर्डर पर पहुंचा है और ऐसा लगातार जारी रहेगा।
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उन्होंने कहा, 'सोमवार किसानों का बड़ा बेड़ा दिल्ली के सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर पहुंचा। अपनी यात्रा के दौरान उनका कई जगहों पर स्वागत किया गया। ट्रेक्टर, कार और अन्य वाहनों से यात्रा कर पहुंचे किसानों ने रहने के लिए टेंट और ट्रालियों में रहने की व्यवस्था की है और अगली फसल कटने तक ये यहां डटे रहेंगे।'
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संयुक्त किसान मोर्चा ने आगे कहा, 'आंदोलन एक बार फिर से मजबूत हो रहा है और विरोध स्थल बड़ा हो गया है। पिछले पांच महीनों से यहां किसानों के टेंट, ट्रॉली और अन्य वाहनों की कतार लगी हुई है। फसल कट चुकी है अब किसानों का आना लगातार जारी रहेगा।' किसानों के संगठन ने आगे कहा कि, 'हजारों लोग सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे के कुप्रबंधन के कारण मर रहे हैं और ऐसे में सरकार निजीकरण को बढ़ावा देने में लगी हुई है।'
संगठन ने आगे कहा कि सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाना चाहिए। किसानों की फसलों की खरीद और पारिश्रमिक मूल्य की गारंटी लेने के साथ-साथ सरकार को एमएसपी पर कानून बनाना चाहिए और उसे किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों को तुरंत वापस लेना चाहिए।