गणेश विसर्जन के लिए दिल्ली प्रदूषण बोर्ड ने जारी की गाइडलाइन, इन बातों का रखें खयाल
नई दिल्ली, 02 सितंबर। गणेश विसर्जन को लेकर को लेकर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी की ओर से एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की गई है। इस गाइडलाइन में तमाम मूर्तिकारों और इसके विक्रेताओं को प्रदूषण को लेकर सजग रहने के लिए कहा गया है। गाइडलाइन में मूर्ति निर्माताओं से कहा गया है कि वह मूर्ति बनाने में ऐसी चीजों का इस्तेमाल करें जिसे आसानी से विघटित किया जा सके। इसके लिए ऐसी मिट्टी का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है जोकि आसानी से विघटित हो जाए और प्रदूषण को ना बढ़ाए।
इसके साथ ही गाइडलाइन में कहा गया है कि मूर्ति निर्माण में प्राकृतिक डाई का इस्तेमाल करें, ऐसे रंगों का इस्तेमाल करें जोकि प्रदूषण को ना बढ़ाए। प्लास्टर ऑफ पेरिस से मूर्ति का निर्माण ना हो और ना ही पीओपी द्वारा निर्मित मूर्तियों को विसर्जित किया जाए। आम नागरिकों के लिए भी दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है। इसमे कहा गया है कि पीओपी से बनी मूर्तियों को नदी, तालाब, घाट, में नहीं विसर्जित करना है। इसे सिर्फ उन्ही जगहों पर विसर्जित करना चाहिए जिसे प्रशासन की ओर से चिन्हित किया गया है।
साथ ही लोगों से अपील की गई है कि यमुना नदी के किनारे मूर्तियों को विसर्जित करते समय सुरक्षा मानकों का विशेष खयाल रखें। जहां तक संभव हो मूर्तियों को एक पानी के एक गड्ढे में ही विसर्जित करें, या फिर उन तालाब में विसर्जित करें जिसे प्रशासन की ओर से तैयार किया गया है। मूर्ति विसर्जत करते समय पूजा के लिए उपयोग किए गए सामान को अलग कर लिया जाए, उसे पानी में ना बहाया जाए।