AAP के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द, अब आगे क्या होगा? पढ़ें 5 FACTS
नई दिल्ली। लाभ के पद के मामले में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता चली गई है। इस संबंध में चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास सिफारिश भेजी थी, जिसे उन्होंने रविवार को मंजूर कर दिया। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद केंद्र सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आगे क्या होगा?
केजरीवाल सरकार को कोई खतरा नहीं
1-दिल्ली में कुल 70 विधानसभा सीटें हैं। ऐसे में यहां बहुमत के लिए 36 सीटों की जरूरत है। 20 विधायकों की सदस्यता जाने के बाद भी आम आदमी पार्टी के पास इस समय 46 विधायक बचे हैं। ऐसे में अरविंद केजरीवाल की सरकार को कोई खतरा नहीं है।
2-आप के 20 विधायकों की सदस्यता जाने के बाद एक सवाल उठ रहा है कि क्या चुनाव होगा? तो जवाब है- हां। इन सभी 20 सीटों पर उपचुनाव होगा।
कोर्ट जाएगी आप
3-
आम
आदमी
पार्टी
20
विधायकों
की
सदस्यता
जाने
के
बाद
क्या
करेगी?
पार्टी
की
नेता
और
सदस्यता
गंवाने
वालों
में
शामिल
अलका
लांबा
ने
साफ
कहा
है
कि
आप
इस
निर्णय
के
खिलाफ
अदालत
का
दरवाजा
खटखटाएगी।
4-अब
चुनाव
आयोग
तय
करेगा
कि
दिल्ली
में
रिक्त
हुई
20
सीटों
पर
उपचुनाव
कब
होगा।
5- 2015 में बंपर सीटों पर जीती आम आदमी पार्टी के पास अब विधानसभा में सिर्फ 46 विधायक बचे हैं। जिन 20 विधायकों को अयोग्य करार दिया गया है, उन पर उपचुनाव होगा। ऐसे में आम आदमी पार्टी की कड़ी परीक्षा होगी।
आखिर क्या है ये पूरा मामला
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने मार्च 2015 में अपनी पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था। वकील प्रशांत पटेल ने राष्ट्रपति के पास याचिका लगाकर आरोप लगाया था कि ये 21 विधायक लाभ के पद पर हैं, इसलिए इनकी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। दिल्ली सरकार ने दिल्ली असेंबली रिमूवल ऑफ डिस्क्वॉलिफिकेशन ऐक्ट-1997 में संशोधन किया था। इस विधेयक का मकसद संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से छूट दिलाना था, लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विधेयक को मंजूरी नहीं दी थी। हाल ही में चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के सभी 20 विधायकों को अयोग्य करार दिया और इनकी सदस्यता रद्द करने के लिए राष्ट्रपति के पास सिफारिश भेज दी थी। आपको बता दें कि आयोग के पास कुल 21 विधायकों के नाम गए थे, लेकिन जरनैल सिंह ने पंजाब चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में 20 विधायकों को अयोग्य करार दे दिया है।