हरिद्वार: बाबा बर्फानी अस्पताल की बड़ी लापरवाही, कोरोना के 65 मरीजों की मौत का ब्यौरा 'गायब', नोटिस जारी
देहरादून/हरिद्वार, मई 16: कुंभ मेले के दौरान कोरोना मरीजों के इलाज के लिए तैयार किए गए हरिद्वार के बाबा बर्फानी हॉस्पिटल की बड़ी गलती सामने आई है। हॉस्पिटल ने इलाज के दौरान दम तोड़ चुके करीब 65 मरीजों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग से छिपाई। इन मरीजों की मौत 25 अप्रैल से 12 मई के बीच हुई थी। मामले में राज्य स्वास्थ्य विभाग ने हॉस्पिटल को नोटिस जारी किया है। राज्य कोविड कंट्रोल रूम प्रमुख अभिषेक त्रिपाठी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से हॉस्पिटल की इस चूक को "बेहद गंभीरता से" देखा जा रहा है। हरिद्वार जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के साथ-साथ अस्पताल के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
जानकारी के मुताबिक, एक अप्रैल से अब तक बाबा बर्फानी हॉस्पिटल में कुल 75 लोगों की मौतें हुई हैं। लेकिन, अस्पताल प्रशासन की ओर से राज्य कोविड कंट्रोल रूम के अधिकारियों को महज 10 लोगों की मौत की जानकारी दी गई। बता दें, एक अप्रैल से ही हरिद्वार में अधिकारिक रूप से कुंभ मेले की शुरुआत हुई थी। इस बारे में अस्पताल के नोडल ऑफिसर बनाए गए आईएएस अफसर अंशुल सिंह ने कहा, ''हम नियमित रूप से सीएमओ, जिला प्रशासन के साथ-साथ कुंभ मेला अधिकारियों के साथ डेटा साझा कर रहे थे। इसकी जांच की जा रही है कि यह नियंत्रण कक्ष तक कैसे नहीं पहुंचा।'' उन्होंने कहा, ''चूक शायद इसलिए हुई क्योंकि डेटा अपलोड करने वाले डॉक्टर यूपी के थे और 30 अप्रैल को कुंभ समाप्त होते ही वे वापस चले गए। जब तक नए डॉक्टर लॉग-इन और अन्य विवरण प्राप्त कर पाते, तब तक डेटा अपलोड करने में देरी हो चुकी थी। लेकिन हमने मौतों को कभी नहीं छुपाया।''
अंशुल सिंह ने कहा, इस अवधि में जो 65 मौतें हुई हैं, उनमें 90 फीसदी गंभीर थे और उन्हें आईसीयू बेड की जरूरत थी, लेकिन आई आईसीयू बेड की कमी के चलते वह मरीजों को हाई-फ्लो ऑक्सीजन दे रहे थे और आईसीसी की कमी के चलते उनकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि अस्पताल को शुरू में 500-बेड वाले कोविड केयर सेंटर (CCC) के रूप में शुरू किया गया था, लेकिन बाद में इसे 120 बेड के साथ DCHC के रूप में नया रूप दिया गया, जो सभी ऑक्सीजन से जुड़े थे। इस बीच, राज्य के कई अस्पतालों द्वारा कोविड की मौतों के आंकड़ों को साझा करने में देरी को ध्यान में रखते हुए, सचिव (स्वास्थ्य) अमित नेगी ने शनिवार को सभी अस्पतालों-निजी और सरकारी के लिए एक परिपत्र जारी कर उन्हें उचित और नियमित डेटा साझा करने के लिए कहा है। ऐसे नहीं करने पर महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।