Tomato Price: टमाटर की लाली पड़ी फीकी, 5 रुपये किलो तक पहुंचे दाम, धमधा में नहीं बन सका कोल्ड स्टोरेज
छत्तीसगढ़ में टमाटर की बंपर पैदावार की जाती है। टमाटर के दाम 5 किलो तक पहुंच गए हैं। जिसे लेकर अब टमाटर उत्पादक किसान चिंतित हैं। व्यापारियों के अनुसार अन्य राज्यों में डिमांड कम होते ही दाम और कम होंगे।
छत्तीसगढ़ में टमाटर के बंपर पैदावार हो रही है। दुर्ग के धमधा और जशपुर का पत्थलगांव ब्लाक टमाटर उत्पादन के लिए देश भर में पहचान बना चुका है। लेकिन सब्जी का स्वाद बढ़ाने वाले टमाटर की कीमत 5 रुपये किलो तक पहुंच गया है। इससे ग्राहकों को तो फायदा है। लेकिन किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। हर साल बम्पर पैदावार के कारण टमाटर सड़कों के किनारे फेंकने की तस्वीरें भी छत्तीसगढ़ में देखी जाती है।
5
रुपये
किलो
तक
गिरे
टमाटर
के
दाम
टमाटर
की
खेती
से
किसानों
को
फायदा
होता
है
तो
इस
के
सीजन
में
नुकसान
भी
झेलना
पड़ता
है।
छत्तीसगढ़
के
टमाटर
उत्पादकों
को
हर
साल
इस
समस्या
से
रुबरु
होना
पड़ता
है।
वर्तमान
में
किसानों
को
टमाटर
की
कीमत
150
से
170
रुपये
प्रति
कैरेट
मिल
रहे
हैं,
और
10
से
12
रुपये
प्रति
किलो
के
हिसाब
से
मंडी
में
बेचे
जा
रहें
हैं।
स्थानीय
टमाटर
की
आवक
बढ़ने
के
बाद
दुर्ग,
धमधा,
सुपेला,
रायपुर
समेंत
प्रदेश
के
सभी
मंडियों
में
टमाटर
की
आवक
अन्य
राज्यों
से
बन्द
हो
गई
है।
किसानों
को
झेलना
पड़ेगा
नुकसान
टमाटर
की
खेती
करने
वाले
किसानों
से
व्यापारी
5
से
7
रुपये
प्रति
किलो
में
टमाटर
खरीद
रहें
हैं।
व्यापारियों
का
कहना
है
कि
अभी
महाराष्ट्र,
कलकत्ता,
उड़ीसा,
आंध्रप्रदेश
जैसे
राज्यों
की
मंडियों
में
टमाटर
की
सप्लाई
की
जा
रही
है।
नवम्बर
तक
टमाटर
के
दाम
15
से
20
रुपये
किलो
तक
मिल
रहे
थे।
लेकिन
दूसरे
राज्य
की
मंडीयों
में
दाम
गिरने
पर
किसानों
को
भी
नुकसान
झेलना
पड़ेगा।
3
से
4
साल
पहले
किसानों
को
भारी
नुकसान
झेलना
पड़ा
था।
इधर
किसान
भी
गिरते
दाम
को
लेकर
चिंतित
हैं।
क्योंकि
कई
किसान
बैंकों
से
लोन
लेकर
खेती
करते
हैं।
Tomato farming: 'टमाटर भाव से अब किसान हो रहे लाल’, लागत तो दूर तुड़वाई का भी नहीं निकल रहा पैसा
पत्थलगांव
और
धमधा
के
किसान
करते
है
बम्पर
पैदावार
उद्यानिकी
विभाग
के
अनुसार
दुर्ग
और
बेमेतरा,
राजनांदगांव
जिले
के
लगभग
9
हजार
और
जशपुर
के
4
हजार
हेक्टेयर
भूमि
पर
टमाटर
की
खेती
की
जा
रही
है।
कोरोनाकाल
के
दौरान
खेती
के
रकबे
में
गिरावट
दर्ज
की
गई
थी।
अकेले
दुर्ग
के
धमधा
और
4000
हेक्टेयर
में
टमाटर
की
खेती
होती
है।
जहां
से
रोज
लगभग
240
टन
टमाटर
का
उत्पादन
रोज
हो
रहा
है।
जशपुर
के
खड़ामाचा,
काडरो,
मठपहाड़,
सूरजगढ़,
चंद्रपुर,
लुड़ेग,
कछार
धमधा
के
पेंड्रीतराई,
जाताघर्रा,
कन्हारपुरी,
जैसे
कई
गांवों
में
टमाटर
की
बम्पर
पैदावार
ली
जाती
है।
आज
तक
धमधा
में
नहीं
बन
पाया
कोल्ड
स्टोरेज
दुर्ग
जिले
के
धमधा
में
टमाटर
उत्पादकों
के
लिए
कोल्ड
स्टोरेज
बनाए
जाने
की
घोषणा
हर
बार
सरकार
करती
रही
लेकिन
आज
तक
उद्यानिकी
सब्जियों
के
लिए
कोल्ड
स्टोरेज
का
निर्माण
नहीं
कराया
जा
सका।
जबकि
टमाटर
के
दाम
गिरने
के
बाद
किसानों
ने
हर
बार
सड़को
पर
टमाटर
फेंककर
प्रदर्शन
किया।
क्योंकि
एक
से
दो
रुपये
प्रति
किलो
टमाटर
पहुंचने
के
बाद
टमाटर
की
तोड़ाई
और
ट्रांसपोर्टिंग
का
खर्च
भी
नहीं
निकल
पाता।
जिसके
चलते
किसान
इसे
मंडियों
में
ले
जाने
के
बदले
सड़कों
के
किनारे
फेंक
देते
हैं।
अभी
और
कम
होंगे
टमाटर
के
दाम
सुपेला
के
टमाटर
व्यापारी
पंकज
गौर
बताते
हैं
कि
टमाटर
की
कीमतें
लागातर
घटने
से
अब
ट्रांसपोर्टिंग
और
हमाली
का
खर्चा
भी
निकालना
मुश्किल
होता
है।
किसानों
को
भी
कम
दाम
मिल
रहे
है।
छत्तीसगढ़
में
टमाटर
की
अच्छी
पैदावार
के
कारण
आने
वाले
समय
में
कीमतें
और
गिरेंगीं।
जिसका
असर
किसानों
और
व्यापारियों
पर
भी
पड़ेगा।
अभी
टमाटर
आंध्रप्रदेश,
उड़ीसा,
कलकत्ता
जैसे
राज्यों
में
जा
रहें
हैं।