रायपुर में प्रदर्शनकारियों ने महिला सब इंस्पेक्टर को बुरी तरह से पीटा, जानिए क्या है पूरा मामला
रायपुर, जनवरी 12। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक बेहद ही चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है। न्यूज एजेंसी ANI ने ये वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में कुछ महिला पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी महिलाओं के बीच झड़प हो रही है और प्रदर्शनकारी महिलाओं ने एक महिला पुलिसकर्मी को बुरी तरह पिटना शुरू कर दिया है।
वेतन वृद्धि की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही थी महिलाएं
जानकारी के मुताबिक, ये वीडियो 10 जनवरी का बताया जा रहा है। ये वीडियो राजधानी रायपुर का है, जहां कथित तौर पर वेतन वृद्धि की मांग को लेकर पुलिसवालों के परिवार के ही सदस्य प्रदर्शन कर रहे थे। इन लोगों ने 10 जनवरी को हाईवे को भी जाम कर दिया था। महिला प्रदर्शनकारियों ने हिंसक रूप धारण करते हुए एक महिला पुलिस सब इंस्पेक्टर को बुरी तरह से पिटना शुरू कर दिया। इस घटना में पांच पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर है।
प्रदर्शनकारियों को समझाने गई थी महिला पुलिसकर्मी
वीडियो में देखा जा सकता है कि एक महिला पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों को समझाने के लिए जाती है, लेकिन प्रदर्शनकारी महिलाओं ने महिला पुलिसकर्मी का कॉलर पकड़ लिया और बुरी तरह से पिटना शुरू कर दिया। इस दौरान अन्य पुलिसकर्मियों ने आकर महिला एसआई को प्रदर्शनकारियों के चंगुल से छुड़ाया।
क्यों प्रदर्शन कर रही हैं महिलाएं
एडिशनल पुलिस इंस्पेक्टर तारकेश्वर पटेल ने बताया है कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टरों के परिवार के लगभग 250 से अधिक लोग यहां प्रदर्शन कर रहे थे। ये महिलाएं वेतन में बढ़ोत्तरी और प्रमोशन की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रही हैं। अपनी मांगों को लेकर इन लोगों ने हाईवे तक जाम किया। मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई। काफी देर तक प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की गई, लेकिन प्रदर्शनकारी फिर हिंसा पर उतारू हो गए और हमारी एक महिला पुलिसकर्मी को बुरी तरह से पीटा।
भाथागांव के पास महिलाओं ने किया हाईवे जाम
जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शनकारी महिलाओं ने सोमवार को भाथागांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया, जिससे कई घंटों तक यातायात प्रभावित रहा। यातायात की समस्या को लेकर पुलिसवाले प्रदर्शनकारियों को समझाने के लिए गए। आंदोलनकारी परिवारों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी थीं, जो अपनी मांगों को लेकर बारिश में भीगने के बाद भी नारेबाजी करती रहीं।