PM Awas के लिए मूल निवास प्रमाण पत्र की अनिवार्यता समाप्त, छत्तीसगढ़ के गरीब परिवारों को मिलेगा लाभ
छत्तीसगढ़ में अब 'मोर मकान मोर आस' योजना के तहत आवास हीन गरीब परिवारों को पीएम आवास मिल सकेगा। इसके लिए अब राज्य सरकार ने मूल निवास प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है।
छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजना 'मोर मकान मोर आस' के तहत निगम क्षेत्रों में बने पीएम आवास के लिए आवेदन करने वाले गरीब और किरायेदार परिवारों को राहत दी गई है। आम नागरिकों को अब आसानी से अपना आशियाना मिल सकेगा। नगर निगम क्षेत्र में अब मकान के लिए गरीबों को कई दस्तावेजों में छूट मिली है। इस नियमों को शिथिल कर राज्य सरकार ने आवासहीन गरीब परिवारों को एक बड़ी राहत दी है।
मूल
निवास
प्रमाण
पत्र
नहीं
होगा
अनिवार्य
सरकार
ने
पीएम
आवास
के
लिए
मंगाए
गए
आवेदनों
में
पाया
की
कई
आवेदनों
में
मूलनिवास
प्रमाण
पत्र
ही
नहीं
थे,
इसके
अभाव
में
लोग
योजना
से
वंचित
हो
रहे
थे।
जिसके
बाद
इन
नियमों
में
कुछ
परिवर्तन
किए
गए
हैं।
जिससे
कुछ
दस्तावेजों
के
अनिवार्यता
को
समाप्त
कर
दिया
गया
है।
खासकर
छत्तीसगढ़
का
मूल
निवासी
प्रमाण
पत्र
या
इससे
संबंधित
किसी
प्रकार
की
कोई
भी
दस्तावेजों
की
अनिवार्यता
को
समाप्त
कर
दिया
गया
है।
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महिला
ने
की
थी
आत्मदाह
की
कोशिश
हाल
ही
में
राजनांदगांव
में
पीएम
आवास
के
मकानों
में
अवैध
कब्जा
खाली
कराने
गए,
निगम
के
अधिकारियों
के
सामने
एक
महिला
ने
आत्मदाह
करने
की
कोशिश
की
थी।
इसके
साथ
ही
मकानों
में
कब्जे
को
लेकर
काफी
विवाद
की
स्थित
को
देखते
हुए
राज्य
शासन
ने
कुछ
परिवर्तन
किया
है।
अब
देखना
यह
है
कि
आगे
इस
प्रक्रिया
में
कितने
गरीबों
और
किरायेदारों
को
लाभ
मिलता
है।
लागत
मूल्य
पर
मिल
रहा
पीएम
आवास
छत्तीसगढ़
शासन
की
'मोर
मकान
मोर
आस'
यो
के
अंतर्गत
नगर
निगम
क्षेत्र
में
बने
पीएम
आवास
योजना
के
तहत
बने
आवासों
का
आवंटन
वर्षों
से
किराए
पर
रह
रहे
किरायेदार
परिवारों
को
मात्र
आवास
के
लागत
मूल्य
पर
प्रदान
करने
इस
योजना
का
क्रियान्वयन
किया
जा
रहा
है।
किराए
में
रहने
वाले
आवेदक
नगर
निगम
के
प्रधानमंत्री
आवास
योजना
कार्यालय
से
संपर्क
कर
नियमों
के
तहत
अपने
आवेदन
प्रस्तुत
कर
योजना
का
लाभ
ले
सकते
हैं।
2015
के
पूर्व
निवासरत
किरायेदार
होंगे
पात्र
अब
मोर
मकान
मोर
आवास
योजना
के
तहत
आवेदन
करने
वाले
आवेदक
को
31
अगस्त
2015
के
पूर्व
से
नगरीय
निकाय
क्षेत्र
में
रहवासी
होना
अनिवार्य
है।
इसके
साथ
ही
आवेदक
के
पूरे
परिवार
की
समस्त
स्रोत
से
आए
3
लाख
सालाना
से
कम
होना
चाहिए।
यह
दोनों
शपथ
पत्र
आवेदन
के
साथ
प्रस्तुत
करना
होगा।
जिसके
तहत
उन्हें
लॉटरी
के
लिए
चयन
किया
जाएगा।
1570
आवासों
के
लिए
जारिकी
गई
पात्र
अपात्र
सूची
राजनांदगांव
आयुक्त
डॉ
आशुतोष
चतुर्वेदी
ने
बताया
कि
योजना
के
अंतर्गत
1570
आवासों
के
आवंटन
किए
जाने
के
लिए
पात्र
एवं
अपात्र
की
सूची
जारी
की
गई
है।
वे
आवेदक
जिन्होंने
26
दिसंबर
2022
तक
आवेदन
जमा
किया
है।
उन्हें
इस
आवंटन
की
प्रक्रिया
एवं
लॉटरी
के
लिए
चयन
किए
गए
परिवारों
में
किसी
प्रकार
की
कोई
आपत्ति
है।
तो
वे
23
जनवरी
को
शाम
5
बजे
तक
दावा
आपत्ति
दर्ज
करा
सकते
हैं।
30
जनवरी
को
लॉटरी
के
माध्यम
से
मकान
आबंटित
किया
जाएगा।
गरीब
परिवारों
को
आवास
लेने
के
लिए
सुविधा
प्रदान
करने
विभिन्न
बैंकों
के
ऋण
देने
योजना
के
अधिकारी
लगातार
बैंक
को
संपर्क
बनाए
हुए।
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