छत्तीसगढ़ में अल्पवर्षा ने बढ़ाई चिंता, फसलों के नुकसान का आकलन करवायेगी भूपेश सरकार
मानसून के रूठ जाने से छत्तीसगढ़ के एक बड़े हिस्से में फसलों के खराब होने की आशंका है। राज्य सरकार प्रदेश की 28 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित कर सकती हैं।
रायपुर, 02 अगस्त। मानसून के रूठ जाने से छत्तीसगढ़ के एक बड़े हिस्से में फसलों के खराब होने की आशंका है। राज्य सरकार प्रदेश की 28 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित कर सकती हैं। सूखे का संकट गहराने की स्थिति से निपटने सीएम भूपेश बघेल के निर्देश के बाद मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने संबंधित कलेक्टरों से आवश्यक प्रस्ताव मंगाए हैं। सूत्रों के मुताबिक बारिश के आंकड़ाें के आधार पर कई तहसीलों में गंभीर सूखे के हालात पाए गए हैं।
छत्तीसगढ़ की 28 तहसीलों में 60 प्रतिशत से कम बारिश दर्ज
छत्तीसगढ़ सरकार के जनसम्पर्क विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में औसत से कम बारिश वाली तहसीलों में फसलों की स्थिति का नजरी आंकलन कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने अल्प बारिश वाली तहसीलों में राहत कार्य के लिए तुरंत कार्ययोजना भी तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ की 28 तहसीलों में चालू वर्षा मौसम में 01 अगस्त की स्थिति में 60 प्रतिशत से कम बारिश दर्ज की गई है।
खरीफ की बोनी एवं फसलों की स्थिति प्रभावित
छत्तीसगढ़ में मानसून के कमजोर पड़ने और प्रदेश के उत्तरी हिस्से के जिलों विशेषकर सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर, जशपुर में कम बारिश होने के कारण खरीफ की बोनी एवं फसलों की स्थिति प्रभावित हुई है। कम बारिश के चलते संसदीय सचिव चिन्तामणी महराज, विधायक वृहस्पत सिंह और विधायकों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सरगुजा संभाग की कम बारिश वाली तहसीलों को सूखा ग्रस्त घोषित करने का आग्रह किया है।
28 तहसीलों में राहत कार्य शुरू
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने राज्य में वर्षा की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करने के बाद कलेक्टरों को औसत से कम बारिश वाली तहसीलों का राहत मैन्युअल 2022 के प्रावधान के मुताबिक फसलों का राजस्व, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के जरिये से नजरी आकलन कराने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि औसत से कम वर्षा वाली 28 तहसीलों में राहत कार्य शुरू कराने के लिए तुरंत कार्ययोजना भी तैयार की जाए।
8 तहसीलों में 40 प्रतिशत से भी कम बारिश
बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के 9 जिलों की 28 तहसीलों में 01 अगस्त 2022 की स्थिति में 60 प्रतिशत से कम औसत वर्षा हुई है. इन जिलों में 8 तहसीलों में 40 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है। इन सभी तहसीलों में फसलों का आकलन करने के बाद तुरंत ही सूखा घोषित करने हेतु प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सरगुजा जिले की अम्बिकापुर, मैनपाट और सीतापुर, सूरजपुर जिले की लटोरी, बलरामपुर जिले की बलरामपुर, कुसमी एवं वाड्रफनगर, जशपुर जिले की दुलदुला, जशपुर, पत्थलगांव, सन्ना, कुनकुरी और कांसाबेल, रायपुर जिले की रायपुर एवं आरंग, कोरिया जिले की सोनहत, कोरबा जिले के दर्री, बेमेतरा जिले की बेरला और सुकमा जिले की गादीरास एवं कोण्टा तहसील में 60 फीसदी से कम बारिश हुई है। वहीं सरगुजा जिले की लुण्ड्रा, दरिमा, बतौली, सूरजपुर जिले की प्रतापपुर बिहारपुर और बलरामपुर जिले की शंकरगढ़, रामानुजगंज व् राजपुर ऐसी तहसीलें हैं जहां मौजूदा वर्षा मौसम में 01 अगस्त की स्थिति में 40 प्रतिशत से कम बारिश दर्ज की गई है।
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