छत्तीसगढ़: WHO की रिपोर्ट में भूपेश सरकार की तारीफ, कुपोषण और मलेरिया मुक्त अभियान को सराहा
छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, स्वच्छता और सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं पर केंद्रित होकर लगातार कार्य कर रही है।
रायपुर, 29 अगस्त। छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, स्वच्छता और सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं पर केंद्रित होकर लगातार कार्य कर रही है। यहां के आदिवासी अंचलों और सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जागरूकता अभियान चलाने के साथ-साथ स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच बढ़ाने की दिशा में कोशिश हो रही हैं। छत्तीसगढ़ सरकार दुर्गम और दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है, यही कारण है कि जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं मजबूत और जन-जन के लिए सुलभ हुई हैं। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपने ऑफिशियल वेबसाइट पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलायी जा रही इन जन-स्वास्थ्य योजनाओं का ज़िक्र किया है।
WHO
की
ओर
से
जारी
लेख
में
विशेष
रूप
से
छत्तीसगढ़
के
बस्तर
संभाग
में
चलाए
जा
रहे
स्वास्थ्य
कार्यक्रम
और
स्वास्थ्य
संबंधी
विभिन्न
अभियानों
का
ज़िक्र
किया
गया
है।
उन्होंने
तस्वीरों
के
साथ
जारी
रिपोर्ट
में
बताया
है
कि
दंतेवाड़ा
जिले
के
बारसुर
में
लगने
वाले
हाट
बाजार
क्लिनिक
में
ग्रामीण
स्वास्थ्य
अधिकारी
की
तरफ
से
गर्भवती
महिलाओं
की
प्रसव
से
पहले
देखभाल
की
जा
रही
है,
यहां
नियमित
रूप
से
स्वास्थ्य
परामर्श,
दवाएं
और
आवश्यक
टीकाकरण
फ्री
प्रदान
किए
जाते
हैं।
दंतेवाड़ा
के
साप्ताहिक
बाजारों
में
मुख्यमंत्री
हाट-बाजार
क्लिनिक
में
दुर्गम
क्षेत्रों
में
रहने
वाले
स्थानीय
समुदायों
के
लोगों
को
मलेरिया,
एचआईवी,
मधुमेह,
एनीमिया,
तपेदिक,
कुष्ठ,
उच्च
रक्तचाप
और
नेत्र
विकारों
के
लिए
जांच
एवं
स्क्रीनिंग
की
सुविधा
दी
जाती
है।
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IND
vs
PAK:
भारत
की
जीत
का
जश्न,
आधी
रात
उमड़ी
पब्लिक,
RAIPUR
के
जयस्तंभ
चौक
पर
लहराया
तिरंगा,
देखिये
तस्वीरें
वहीं डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि सुदूर और अंदरूनी इलाकों में हाट-बाजार के जरिये से स्वास्थ्य सुविधा मिलने से लोगों को अब स्थानीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है। रिपोर्ट के मुताबिक दंतेवाड़ा जिले के एक अंदरूनी गांव में आयोजित मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक में एक आदिवासी महिला को सिरदर्द और पैरों में सूजन की शिकायत मिली और उसे एनीमिया के पहले चरण होने का पता चला और उसे मुफ्त दवा दी गई। नियमित दवाइयों के सेवन और चिकित्सकीय परामर्श से अब वह पूरी तरह स्वस्थ है।
मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel के छत्तीसगढ़ मॉडल की @WHO ने की सराहाना
अपने ऑफिशियल वेबसाइट पर मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, मलेरिया मुक्त अभियान, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना समेत अन्य योजनाओं को सराहा@HealthCgGov @MoHFW_INDIA @PMOIndia @NITIAayog #CGModel #Chhattisgarh pic.twitter.com/pE7C5rJVJ8
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) August 29, 2022
वहीं
उन्होंने
जिले
के
गीदम
गांव
में
रहने
वाली
32
सप्ताह
की
गर्भवती
महिला
का
अनुभव
अपनी
की
जुबानी
बताया,
जो
इस
तरह
है
-
"मैं
हाट-बाजार
क्लिनिक
में
अपना
स्वास्थ्य
परीक्षण
करवाती
हूं,
मेरे
लिए
यह
बेहद
सुविधाजनक
है।
स्वास्थ्य
वर्कर
मेरे
रक्तचाप
की
जांच
करते
हैं
और
बाकि
जरूरी
चीजों
की
निगरानी
करते
हैं।
मुझे
यहां
अपनी
कोविड
टीकाकरण
की
खुराक
भी
मिली।"
और
उसने
बताया
कि
उसे
इस
योजना
का
बहुत
फायदा
मिल
रहा
है।
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छत्तीसगढ़:
CM
बघेल
ने
उठाई
कांवड़,
विधि
विधान
से
किया
शिव
पूजन,
देखें
तस्वीरें
एक अन्य हाट-बाजार क्लीनिक का उल्लेख डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में किया गया है, जिसमें बताया गया कि हाट-बाजार क्लीनिक में दांत दर्द से पीड़ित रोगी की डॉक्टर द्वारा प्राथमिक जांच में, समस्या की जांच की जाती है और जांच उपरांत उसे आवश्यक उपचार दिया जाता है। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना दुर्गम क्षेत्रों में साप्ताहिक बाजारों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है ताकि प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और जरूरत पड़ने पर उच्च स्तर की देखभाल के लिए रेफरल की सुविधा बढ़ाई जा सके। गौरतलब है कि 2019 से अब तक छत्तीसगढ़ में 25 लाख से अधिक लोगों ने हाट-बाजार क्लीनिकों में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया है। वनांचलों में रहने वाले आदिवासी समुदाय मलेरिया से प्रभावित सबसे कमजोर समूहों में से हैं। मलेरिया-मुक्त बस्तर अभियान की ओर बढ़ते हुए इस क्षेत्र में हाट-बाजार क्लीनिक योजना के जरिए शीघ्र पहचान और उपचार करने में मदद मिल रही है।
डब्ल्यूएचओ
के
अनुसार
मुख्यमंत्री
हाट
बाजार
क्लिनिक
उन
लोगों
को
स्वस्थ
रखने
की
पहल
है,
जो
परंपरागत
रूप
से
दुर्गम
या
सुदूर
क्षेत्रों
में
होने
की
वजह
से
स्वास्थ्य
व्यवस्था
के
दायरे
से
बाहर
रह
गए
हैं।
नारायणपुर
जिले
में
स्वास्थ्य
कार्यकर्ताओं
द्वारा
अच्छे
स्वास्थ्य
की
निगरानी
और
कुपोषण
के
शुरुआती
लक्षणों
की
पहचान
करने
के
लिए
सोनपुर
हाट
बाजार
क्लिनिक
में
नियमित
रूप
से
बच्चे
का
वजन
किया
जाता
है।
जांच
उपरांत
गंभीर
तीव्र
कुपोषण
(एसएएम)
वाले
बच्चों
को
पोषण
पुनर्वास
केंद्र
में
भर्ती
करवाया
जाता
है।
स्वास्थ्यकर्मियों
द्वारा
बच्चे
के
उचित
पोषण,
अच्छे
स्वास्थ्य
और
विकास
के
लिए
माताओं
को
स्तनपान
और
नियमित
टीकाकरण
के
बारे
में
जानकारी
और
सलाह
भी
दिया
जाता
है।
जिले
के
ओरछा
गांव
में
प्राथमिक
स्वास्थ्य
सेवाओं
को
सबसे
दुर्गम
क्षेत्रों
तक
पहुंचाया
जाता
है।
जन-जन
तक
स्वास्थ्य
सुविधाओं
की
पहुंच
बनाने
और
उन्हें
स्वास्थ्य
व्यवस्था
की
मुख्य
धारा
में
शामिल
करने
की
दिशा
में
यह
एक
महत्वपूर्ण
कदम
है।
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RAIPUR
का
गांव
"तुलसी",
3000
की
आबादी
में
1000
हैं
YouTuber,
बच्चे
बूढ़े
सभी
कलाकार,
कमाते
हैं
लाखों