Chhattisgarh:भाजपा "प्रदेश अध्यक्ष" के बाद बदले जायेंगे "नेता प्रतिपक्ष", जानिए किसे मिल सकती है जिम्मेदारी
रायपुर,11 अगस्त। छत्तीसगढ़ में बीजेपी सांसद अरुण साव के नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति के बाद विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष बदले जाने पर भी चर्चा तेज हो चुकी है। इन्ही सियासी अटकलों के बीच 11 अगस्त को दिल्ली में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद कौशिक को उनकी अगली भूमिका के संदर्भ में दिशा निर्देश दिए गए हैं।
क्या बदल दिया जायेगा छत्तीसगढ़ में नेता प्रतिपक्ष ?
क्या छत्तीसगढ़ में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष को भी बदल दिया जायेगा,इस सवाल का जवाब सभी जानना चाहते हैं । मिशन 2023 के तहत नए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही छत्तीसगढ़ में चुनावी हलचल शुरू हो चुकी है। छत्तीसगढ़ में लगातार 15 साल तक सत्ता में रही बीजेपी के पास अभी में विधानसभा की 90 में से 14 सीटें ही बची हैं। बीजेपी प्रदेश संगठन में नए और युवा चेहरों को प्रमोट करने के लिए पार्टी अपने कैडर में नयी ऊर्जा का संचार करने की तैयारी कर रही है।
लम्बे समय से पद पर जमे नेताओं के खिलाफ असंतोष
आरएसएस की पृष्ठभूमि से आने वाले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ओबीसी वर्ग के नेता हैं। उनके कमान संभालने के बाद नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का बदला जाना भी तय माना जा रहा है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को आदिवासी आयोग का उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है। युवा मोर्चा समेत अन्य संगठनों में भी बदलाव सम्भव है ।दरअसल बीते लम्बे समय से इस बात लगाए जा रहे थे कि छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले भाजपा जरूरी बदलाव करेगी,क्योंकि पार्टी के भीतर कई सालों से पद पर जमे नेताओं के खिलाफ असंतोष जमकर दिखने लगा था।
किसे बनाया जायेगा अगला नेता प्रतिपक्ष
धरमलाल कौशिक को नेता प्रतिपक्ष के पद से मुक्त किये जाने के बाद किसे यह जिम्मेदारी जी जाएगी,इस बात को लेकर चर्चाएं ज़ोरो पर हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल , जांजगीर चांपा विधायक नारायण चंदेल या भांटापारा विधायक शिवरतन शर्मा को अगला नेता प्रतिपक्ष चुना जा सकता है। चर्चा इस बात को लेकर भी है कि अगला नेता प्रतिपक्ष बिलासपुर लोकसभा से नहीं होगा।
रिपोर्ट के आधार पर बदलाव
बताया जा रहा है कि जब से बीजेपी ने क्षेत्रीय संगठन मंत्री के रूप में अजय जामवाल की नियुक्ति हुई है।वह भाजपा में जरुरी बदलाव को तवज्जो दे रहे हैं। रायपुर में हाल ही में आयोजित हुई 3 दिन में प्रदेश पदाधिकारियों, कोर ग्रुप और विधायक दल की मीटिंग के पश्चात एक रिपोर्ट केंद्रीय संगठन को सौंपी थी। इसी रिपोर्ट के के आधार पर विष्णुदेव साय को प्रदेश अध्यक्ष पद से मुक्त करने का फैसला लिया गया।
सीएम भूपेश ने ली चुटकी
बहराहल भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव की नियुक्ति पर मुख्ममंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी में सब कुछ बेहतर नहीं चल रहा है। बीजेपी में अंतर्कलह चल रही है, उसे दबाने के परवर्तन किए गए हैं। सीएम बघेल ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के दिन विष्णुदेव साय को हटाया गया,वह एक आदिवासी नेता हैं,हटाना ही था,तो एक दिन बाद हटा देते। सीएम भूपेश ने आगे कहा कि भाजपा में आगे भी बहुत सारे बदलाव देखने को मिलेंगे। बीजेपी में गुटबाजी आगे और उभर दिखाई देगी ।
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