छत्तीसगढ़:मिशन 2023 की तैयारी मे जुटे भाजपा-कांग्रेस के बीच जारी है डिजिटल वॉर
रायपुर, 19 जनवरी। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को अभी 2 साल का वक्त बचा है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस अभी से अपनी चुनावी तैयारियों में पूरी ताकत के साथ जुट चुकी हैं। कांग्रेस जहां पूरे प्रदेश मे संगठन को मजबूती देने के लिए सदस्यता अभियान चला रही है ,तो वहीं भाजपा भी माइक्रो डोनेशन के जरिए लोगों को जोड़ने का प्रयास कर रही है। खास बात यह है कि दोनों ही पार्टियां डिजिटल तरीके से अपने अभियान को आगे बढ़ा रही हैं।
कांग्रेस ने रखा मार्च तक 10 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य
छत्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज कांग्रेस के पास 2023 के चुनाव मे एक बार फिर जीत हासिल करके सत्ता पर बरकरार रहने की चुनौती है। इसलिए कांग्रेस संगठन को पहले से भी अधिक मजबूत बनाकर प सदस्यता अभियान मे जुट गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने सदस्यता अभियान लिये सभी मोर्चा, संगठनों को भी जिम्मेदारी सौंपी है। पिछले साल एक नवंबर से सदस्यता अभियान की शुरुआत करने वाली कांग्रेस ने 31 मार्च तक पूरे छत्तीसगढ़ मे सदस्यों की तादाद 10 लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
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कांग्रेस सदस्यता अभियान के लिए रसीद बुक के साथ मोबाइल एप का भी इस्तेमाल किया जाएगा। डिजिटल तरीके से सदस्य बनाने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गूगल प्ले स्टोर से मोबाइल एप को डाउनलोड करना होगा। कांग्रेस के अधिकृत पदाधिकारियों की तरफ से दिए गए पासवर्ड का इस्तेमाल करके हर स्तर पर पदाधिकारी और कार्यकर्ता लोगों को पार्टी का सदस्य बना सकेंगे।
भाजपा ने शुरू किया माइक्रो डोनेशन
कांग्रेस की तरह भाजपा काफी अपना सदस्यता अभियान जारी है , लेकिन इसके अलावा भाजपा नमो ऐप के जरिए माइक्रो डोनेशन अभियान में भी जुट गई है । भाजपा कार्यकर्ता आम लोगों को माइक्रो डोनेशन के माध्यम से जोड़ रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ता आम लोगों से पांच रुपये से एक हजार रुपये तक का डोनेशन लेकर उसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्वच्छता अभियान समेत मोदी सरकार की योजनाओं से जुड़े कार्यों के उपयोग लाने के साथ पार्टी के काम मे लाया जाएगा।।
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भाजपा कांग्रेस कर रहे सोशल मीडिया को भी मजबूत
छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव में सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके लोगों से जुड़ने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों की तरफ से अपनी सोशल मीडिया टीम को मजबूत किया जा रहा है। कांग्रेस ने हाल ही में अपनी आईटी सेल में बड़े पैमाने पर लोगों को जिम्मेदारियां दी हैं, तो वहीं भाजपा भी अपनी आईटी सेल को मजबूत करने के लिए पार्टी मे कुछ लोगों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देने वाली है। माना जा रहा है कि सदस्यता अभियान से लेकर पार्टी की रीति,नीति के प्रचार के लिए दोनों ही दलों के सोशल मीडिया वॉलिंटियर्स सीधे बड़े नेताओं के संपर्क में रहकर ही काम करेंगे।