नक्सलियों के बीच से छुड़ाकर पुलिसकर्मी पति को छुड़ा ले गई पत्नी, पुलिस की नौकरी आगे नहीं करने पर बख्शी जान
बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में एक पुलिसकर्मी की पत्नी ने पति को नक्सलियों के चंगुल से छुड़ा लाईं। बता दें कि पीड़ित पुलिसकर्मी मंदिर के दर्शन के लिए गया हुआ था। बीते 11 मई को नक्सली जनअदालत लगाकर पुलिसकर्मी के जीवन का फैसला करने वाले थे। इस बात की भनक जैसे ही पुलिसकर्मी की पत्नी को लगी वो जैसे-तैसे करके उस गांव में पहुंची जहां नक्सलियों की जनअदालत लगाई जाने वाली थी।
सही सलामत घर लौटा पुलिसकर्मी
बताया जा रहा है कि ग्रामीणों के सकारात्मक और मानवीयतापूर्ण निर्णय के बाद पुलिसकर्मी को नक्सलियों ने छोड़ दिया। हालांकि इस दौरान नक्सलियों ने पुलिसकर्मी से वादा कराया कि वो अब आगे पुलिस की नौकरी नहीं करेगा। तब जाकर उसे छोड़ गयाा और वह पत्नी संग वापस घर लौट पाया। बीजापुर के एसपी कमललोचन कश्यप ने घटना की पुष्टि करते हुए न्यूज 18 को बताया कि पुलिसकर्मी सही सलामत घर वापस आ गया है।
मंदिर में दर्शन के लिए गया था जवान तो कर लिया अपहरण
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किन परिस्थितियों में जवान का अपहरण नक्सलियों ने किया था, उसकी जांच की जाएगी। पुलिस विभाग में इलेक्ट्रिशियन पद पर पदस्थ संतोष कट्टम का अपहरण नक्सलियों द्वारा किया गया था। इस घटना को कवरेज करने वाले बीजापुर के पत्रकार रंजन दास ने बताया कि बीते 11 मई को नक्सलियों द्वारा लगाई गई जनअदालत में लगभग एक से डेढ़ हजार ग्रामीण एकत्रित हुए थे।
नक्सलियों की जनसुनवाई में पहुंच गई पत्नी
बीजापुर के भोपालपट्नम में पदस्थ पुलिसकर्मी संतोष कट्टम मूल रूप से सुकमा के जगरूगुंडा का रहने वाला है। संतोष ने बताया कि बीते 4 मई को वह गोरना मंदिर में आयोजित मेले के दौरान दर्शन के लिए गया हुआ था, जहां से नक्सलियों ने उसका अपहरण कर लिया।
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