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Jashpur में Baby Elephant अब तक परिवार से दूर, जंगल में नहीं मिला परिवार, पुनर्वास केंद्र में रखने की तैयारी

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Chhattisgarh के Jashpur जिले में एक माह पहले 13 सितम्बर को अपने परिवार से बिछड़ कर नन्हा हाथी गांव की ओर पहुंच गया था। लेकिन नन्हे हाथी को अब तक उसका परिवार नहीं मिल सका है। नन्हे शावक को उसके दल से मिलाने वन विभाग के कर्मचारी और ग्रामीणों ने पूरी कोशिश की। लेकिन नन्हे हाथी को किसी भी दल ने स्वीकार नहीं किया। अब शावक को तपकरा वन परिक्षेत्र के रेस्ट हाउस में रखा गया है।

वन मंत्री अकबर ने देखरेख के दिये थे निर्देश

वन मंत्री अकबर ने देखरेख के दिये थे निर्देश

नन्हे शावक हाथी को उसके दल में मिलाने ग्रामीणों ने भी प्रयास किया, लेकिन शावक को जंगली जानवरों से बचाने के लिए उसे ग्राम समड़मा के पंचायत भवन में रखा गया था। नन्हे शावक का स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया एवं उसकी पूरी व्यवस्था की गई। इस बात की सूचना मिलते ही वन मंत्री मोहम्मद अकबर को इसकी सूचना दी गई। वन मंत्री ने जिले के अधिकारियों को शावक के उचित देखरेख और वापस दल से मिलाने के निर्देश दिये थे।

नन्हे हाथी को मिलाने विभाग नहीं दिखा रहा रुचि

नन्हे हाथी को मिलाने विभाग नहीं दिखा रहा रुचि

एक माह पहले अपने परिवार से बिछड़े नन्हे शावक के मिलने के बाद गांव के बच्चे उससे खेलने लगे थे। इसलिए उसे वापस परिवार से मिलाने के लिये तीन से चार हाथियों के दलों में शामिल किया गया। लेकिन शावक का अपना परिवार या दल नहीं होने की वजह से किसी ने भी उसे स्वीकार नहीं किया। अब वन विभाग ने भी उम्मीद छोड़ दी है। इसलिए नन्हे हाथी को उसके दल से मिलाने वीभग रुचि नहीं ले रहा है।

रेस्ट हाउस में सुस्त नजर आ रहा है नन्हा हाथी

रेस्ट हाउस में सुस्त नजर आ रहा है नन्हा हाथी

वन मंत्री के निर्देश के बाद फारेस्ट अधिकारियों ने शावक को तपकरा वन परिक्षेत्र के लवकेरा रेस्ट हाउस में रखा गया। जहां भोजन और इलाज की तमाम व्यवस्था की गई। यहां पशु चिकित्सकों और 5 महावतों की ड्यूटी लगाई गई थी। लेकिन नन्हे हाथी को परिवार और जंगल जैसा माहौल नहीं मिलने की वजह से बेहद कमजोर होता जा रहा है। वहीं हाथी के बच्चे को एक माह से रेस्ट हाउस के पक्के फर्श में रखने पर स्थानीय लोगों में भी नाराजगी है ।

तमोर पिंगला अभ्यारण के पुनर्वास केंद्र भेजने की तैयारी

तमोर पिंगला अभ्यारण के पुनर्वास केंद्र भेजने की तैयारी

नन्हे हाथी को बलरामपुर जिले के तमोर पिंगला अभ्यारण में स्थित हाथी पुनर्वास केंद्र में रखने की तैयारी की जा रही है। हाथी पुनर्वास केंद्र में 7 व्यस्क हाथियों को रखा हैं। हाथी पुनर्वास केंद्र जाने के बाद मादा हाथी के व्यवहार में बदलाव होने की उम्मीद जताई जा रही है। जशपुर जिले के डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय का कहना है, कि हाथी के शावक को रेस्ट हाउस में पशु चिकित्सकों की देखरेख में रखा गया है। डॉक्टरों के सहयोग के लिए महावत भी रखे गए हैं। नन्ना हाथी स्वस्थ है जल्द ही उसे पुनर्वास केंद्र भेजने की तैयारी की जा रही है।

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English summary
Baby elephant in Jashpur far away from family, family not found in forest, preparation to be kept in rehabilitation center
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