अंग्रेज़ों के ज़माने के तालाब में मिला 100 साल पुराना कछुआ, ग्रामीण रह गए दंग ,फिर हुए मायूस !
कहते है कछुए की उम्र बहुत लम्बी होती है। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के ग्रामीणों ने भी ऐसे ही एक कछुए को देखा,लेकिन बाद में मायूसी हाथ लगी क्योंकि वह जीवित नहीं था।
मुंगेली, 13 जून। कहते है कछुए की उम्र बहुत लम्बी होती है। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के ग्रामीणों ने भी ऐसे ही एक कछुए को देखा,लेकिन बाद में मायूसी हाथ लगी ,क्योंकि वह जीवित नहीं था। यहाँ राजीव गांधी मनियारी जलाशय नाम के पुराने तालाब में लगभग 100 साल पुराना कछुआ मिला है। पहले विशालकाय कछुए ग्रामीण डर गए। लगभग 70 किलो वजन और 100 साल पुराने को पहली बार देखकर ग्रामीण भौचक रह गए।
कछुए को देखने के लिए जब आस पास से ग्रामीण पहुंच इकठ्ठा हुए, तो देखा वह हिलडुलनहीं रहा था। कछुए को मृत हुआ देखकर ग्रामीणों में उदासी देखी गई । कछुए का पंचनामा तैयार करके विधिवत अंतिम संस्कार किया गया। जानकारी के अनुसार कछुआ जिस तालाब में यह मिला है वह भी अंग्रेजों के वक़्त का है। लगभग 100 साल पहले इस तालाब को बनाया गया था।
बताते है कि मुंगेली जिले में लगभग 100 साल पहले अंग्रेजों के शासनकाल में राजीव गांधी मनियारी जलाशय का निर्माण हुआ था। यह तालाब एक बांध भी जुड़ा हुआ है।इस जल स्त्रोत को मुंगेली जिले के जीवनदायिनी माना जाता है। रविवार के दिन जब बांध के डुबान क्षेत्र में कुछ ग्रामीणों उपस्थित थे। इसी दरमियान यहां एक विशालकाय कछुआ दिखाई दिया। कछुआ आकार में लगभग 3 फीट का है। उसका वजन करीब 70 किलो था। जानकारों के मुताबिक इस कछुए की उम्र भी 100 साल से अधिक की बताई जा रही है। फ़िलहाल लोग निराश है कि इतना दुर्लभ और आयु वाला विशाल कछुआ जीवित नहीं हैं।
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