Free Fire Game खेलने के लिए नहीं मिला मोबाइल, नाराज किशोरी ने गंगा नदी में लगाई छलांग
एंड्राइड मोबाइल में गेम खेलने के लिए मोबाइल न मिलने पर नाराज एक किशोर सैदपुर में गंगा नदी पर बने पुल पर पहुंचा और गंगा नदी में छलांग लगा दिया।
मोबाइल पर गेम खेलने के लिए बच्चे आत्मघाती कदम उठा रहे हैं। पूर्व में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐसा ही एक मामला चंदौली जिले के बलुआ थाना क्षेत्र के तिरगांवा से सामने आया है। एक किशोर Free Fire Game खेलने के लिए अपने परिजनों से मोबाइल दिलाने की मांग कर रहा था। मांग पूरी ना होने पर वह गंगा नदी के पास पहुंचा और पुल पर से गंगा नदी में छलांग लगा दी। संयोग अच्छा था कि वहां पर मौजूद मछुआरों ने उसे देख लिया और उसे तत्काल बाहर निकाल लिए। किशोर का अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसका उपचार चल रहा है।
मां
ने
मोबाइल
दिलाने
से
कर
दिया
था
मना
दरअसल
जौनपुर
जिले
के
रेहारी
पतरही
गांव
के
रहने
वाले
संजय
चौबे
का
15
वर्षीय
पुत्र
शिवांश
चौबे
अपने
माता-पिता
से
एंड्राइड
मोबाइल
लेने
के
लिए
कई
दिन
से
कह
रहा
था।
परिवार
के
लोगों
ने
बताया
कि
शिवांश
मोबाइल
में
फ्री
फायर
गेम
खेलता
है
जिसके
चलते
उसकी
पढ़ाई
बाधित
हो
रही
है।
मोबाइल
के
लिए
वह
अपने
मां
नयनतारा
से
कहासुनी
भी
किया
जिसके
बाद
उसकी
मां
ने
उसे
फटकार
लगाते
हुए
मोबाइल
दिलाने
से
मना
कर
दिया।
मां
द्वारा
फटकार
लगाए
जाने
के
बाद
गुस्साया
किशोर
घर
से
स्कूल
जाने
के
लिए
निकला
और
स्कूल
ना
जा
कर
बलुआ
थाना
क्षेत्र
के
तिरगांवा
में
स्थित
सैदपुर
गंगा
पुल
पर
पहुंचा।
कुछ
देर
तक
पुल
पर
टहलता
रहा
उसके
बाद
रेलिंग
पर
पहुंचा
और
गंगा
नदी
में
छलांग
लगा
दिया।
मछली
पकड़
रहे
मछुआरों
ने
बचाई
जान
शिवांश
के
गंगा
नदी
में
कूदने
के
बाद
गंगा
नदी
में
कुछ
मछुआरे
मछली
पकड़
रहे
थे।
मछुआरों
की
निगाह
किशोर
के
ऊपर
पहुंचे
तो
तत्काल
नाव
लेकर
वे
उस
किशोर
के
पास
पहुंचे।
मछुआरों
ने
किशोर
को
गंगा
नदी
से
निकालने
के
बाद
पुलिस
को
सूचना
दिया।
पुल
से
गंगा
नदी
में
छलांग
लगाने
के
चलते
हैं
शिवांश
का
हाथ
फैक्चर
हो
गया
था।
मौके
पर
पहुंची
पुलिस
उससे
पूछताछ
करने
के
साथ
ही
परिजनों
को
सूचना
दी।
घायल
शिवांश
को
सैदपुर
स्थित
सीएचसी
पर
भर्ती
कराया
गया
जहां
उसका
उपचार
चल
रहा
है।
सूचना
मिलने
के
बाद
उसका
बड़ा
भाई
अजय
चौबे
अस्पताल
में
पहुंचा।
उपचार
कर
रहे
चिकित्सकों
ने
बताया
कि
किशोर
का
हाथ
फैक्चर
हो
गया
है।
उपचार
चल
रहा
है,
हालांकि
वह
खतरे
से
बाहर
है।
मोबाइल
गेम
के
लिए
उठा
रहे
आत्मघाती
कदम
ऐसा
पहला
मामला
नहीं
है
जब
मोबाइल
में
गेम
खेलने
के
लिए
किसी
किशोर
द्वारा
आत्मघाती
कदम
उठाया
गया
हो।
इसके
पहले
भी
कई
ऐसे
मामले
सामने
आ
चुके
हैं
जब
मोबाइल
गेम
खेलने
के
लिए
बच्चों
द्वारा
आत्मघाती
कदम
उठाया
जा
चुका
है।
जानकारों
का
कहना
है
कि
ऐसी
स्थिति
में
बच्चों
को
प्यार
से
उनके
करियर
के
बारे
में
समझाया
जाना
चाहिए।
क्योंकि
बच्चों
का
मन
गेम
खेलने
में
अधिक
लगता
है
और
उनके
मित्र
मंडली
में
भी
कई
ऐसे
बच्चे
रहते
हैं
जो
मोबाइल
में
गेम
खेलते
हैं।
ऐसे
में
उन
बच्चों
के
अंदर
भी
गेम
खेलने
की
प्रेरणा
जागृत
होने
लगती
है
और
गेम
खेलने
के
लिए
वह
कुछ
भी
कर
गुजरने
के
लिए
तैयार
हो
जाते
हैं।
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