RBI ने कहा, बैंकों की मनमानी के चलते ही ग्राहकों को नहीं मिल पाता है सस्ता कर्ज
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने देशभर के बैंकों को आड़े हाथ लिया है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक ने उन बैंकों पर निशाना साधा है, जो ग्राहकों को सस्ता लोन नहीं देते हैं। केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि बेस रेट और एमसीएलआर रेट तय करने पर बैंक अपने ग्राहकों को वह फायदा नहीं दे रहे हैं, जिनके वह हकदार हैं। एमसीएलआर पर एक कमेटी का भी गठन किया गया है, जिसने कहा है कि एमसीएलआर तय करते समय इंटरनेशनल मार्केट पर भी गौर करना चाहिए, जिससे ग्राहकों को सस्ता कर्ज मिल सके। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि लेंडिंग रेट पर भी इंटरनल कमेटी ने सुझाव दिया है। सुझावों के अनुसार एक निश्चित समय में लेंडिंग रेट को इंटरनेशनल मार्केट से जोड़ा जाना चाहिए। ऐसा करने से पॉलिसी रेट के आधार पर ग्राहकों को सस्ता लोन मिलेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से 25 सितंबर को सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर आरबीआई की इंटरनल कमेटी ने यह कहा है कि ग्राहकों को बेस रेट और एमसीएलआर के तहत पॉलिसी रेट में फायदा नहीं मिलता है। भारत रिजर्व बैंक की तरफ से 25 अक्टूबर तक फीडबैक लेगा और उसके बाद कमेटी की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए फैसला लेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से मौद्रिक नीति की समीक्षा के बाद यह भी कहा गया है कि बैंक बेस रेट और एमसीएलआर का कैल्कुलेशन करने में मनमानी करते हैं। यह कारण है कि ग्राहकों को सस्ता कर्ज नहीं मिल पा रहा है। केन्द्रीय बैंक ने एमसीएलआर की समीक्षा के लिए एक इंटरनल कमेटी भी बनाई थी। यह कमेटी केन्द्रीय बैंक ने तब बनाई जब उसे यह अहसास हुआ कि एमसीएलआर के तहत ग्राहकों को पॉलिसी रेट में कटौती का फायदा नहीं मिल पा रहा है।
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