सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने से शेयरों में गिरावट, दर्जनों क्षेत्रीय अमेरिकी बैंकों में कारोबार पर रोक
सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने से बैंकिंग सेक्टर हिल गया है। इससे निवेशकों और ग्राहकों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। दर्जनों क्षेत्रीय अमिरिकी बैंकों में व्यापार अस्थायी रूप से रुक गया है।
Silicon Valley Bank: सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने से बैंकिंग सेक्टर में भारी उथल-पुथल का दौर शुरू हो गया है। सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने से शेयरों में भारी गिरावट सामने आई है। यूएस मीडिया ने यह जानकारी देते हुए कहा कि दर्जनों क्षेत्रीय अमेरिकी बैंक के व्यापार अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। मामूली बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत के बाद सेंसेक्स और निफ्टी बुरी तरह धराशायी हो गए। बीएसई का सेंसेक्स (BSE Sensex) 1000 अंक से ज्यादा फिसल गया।
बैंकों में तथाकथित सर्किट ब्रेकरों को ट्रिगर करने के बाद कारोबार पर रोक
न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि अमेरिकी क्षेत्रीय बैंकों के शेयरों में सोमवार को गिरावट सामने आई। रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्थिर परिस्थितियों के कारण लगभग एक दर्जन बैंकों में तथाकथित सर्किट ब्रेकरों को ट्रिगर करने के बाद कारोबार रोक दिया गया है। एरिजोना स्थित वेस्टर्न एलायंस उस दिन सबसे खराब मूवर के रूप में खड़ा हुआ, जो शुरुआती कारोबार में 80 प्रतिशत नीचे था। फर्स्ट रिपब्लिक बैंक 75 फीसदी गिर गया, यूटा स्थित ज़ायन्स बैनकॉर्प लगभग 20 फीसदी, कोमेरिका लगभग 30 फीसदी, ईस्ट वेस्ट बैनकॉर्प 30 फीसदी और क्षेत्रीय वित्तीय लगभग 10 फीसदी नीचे गिर गया। बड़े बैंकों के शेयर कम प्रभावित हुए। सिटीग्रुप और वेल्स फ़ार्गो 4 प्रतिशत से अधिक गिर गए, बैंक ऑफ अमेरिका 3 प्रतिशत से अधिक गिर गया और जेपी मॉर्गन चेस लगभग 1 प्रतिशत गिर गया।
बैंक के दिवालिया होने के कारण
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साल 2008 के वित्तीय संकट के बाद सिलिकॉन वैली बैंक की विफलता अमेरिकी इतिहास में दूसरी सबसे बड़ी विफलता है। दरअसल, फेडरल बैंक की बढ़ती ब्याज दरों के कारण अमेरिका में कई स्टार्टअप्स में नए निवेश बंद हो गये थे। जिसके कारण फंड का संकट गहरा गया। इस कारण सिलिकॉन वैली बैंक के ग्राहकों, जिनमें अधिकांश स्टार्टअप्स ही हैं, ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक से पैसे निकालने शुरू कर दिए।
परिणामस्वरूप 9 मार्च 2023 को सिलिकॉन वैली बैंक के शेयरों में 66 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी। उस दौरान बैंक की मुख्य कंपनी एसवीबी फाइनेंशियल ग्रुप के शेयर भी 70 प्रतिशत तक गिर गए थे। इसके बाद कंपनी ने अपनी बैलेंस शीट को बढ़ाने के लिए अपने शेयर बेचने का निर्णय लिया। इस बीच अमेरिका के फेडरल बैंक द्वारा ब्याज दर बढ़ाने के कारण भी बैंक द्वारा गवर्नमेंट बॉन्ड्स की बिक्री पर 1.8 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। अंत में बैंक की वित्तीय हालात को देखते हुए कैलिफोर्निया के डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल प्रोटेक्शन एंड इनोवेशल ने बैंक को दिवालिया घोषित कर दिया। फिलहाल फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन को बैंक का रिसीवर तथा बैंकों में जमा राशि की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं।
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