आर्थिक मोर्चे पर बुरी खबर, भारत की विकास दर को मूडीज ने किया कम, 7.7% रहने का अनुमान
नई दिल्ली, 01 सितंबर। भारत की विकास की रफ्तार इस साल कुछ हद तक सुस्त रहने वाली है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने गुरुवार को भारत की इस साल की विकास दर को घटाकर 7.7 कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार रेटिंग एजेंसी ने कहा कि बढ़ती ब्याज दरों, अनियमित मानसून और वैश्विक विकास दर में गिरावट का असर आर्थिक विकास की रफ्तार पर देखने को मिलेगा। गौर करने वाली बात है कि इससे पहले मई माह में मूडीज की ओर से कहा गया था कि भारत की 2022 की विकास रफ्तार 8.8 फीसदी रहेगी।
ग्लैबल मैक्रो आउटलुक 2022-23 के अपने अपडेट में मूडीज की ओर से कहा गया है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इस साल तेजी बनाए रखेगा और 2023 तक अपनी सख्त मौद्रिक नीति को बरकरार रखेगा, ताकि घरेलू महंगाई दर को काबू में रखा जा सके और इसका आगे दबाव ना बढ़े। मूडीज ने कहा कि हमे उम्मीद है कि भारत की असल जीडीपी दर 2021 के 8.3 फीसदी से 2022 में 7.7 फीसदी रहेगी। वहीं 2023 तक यह 5.2 फीसदी तक कम हो जाएगी। बढ़ती ब्याज दर, अनियमित मानसून, सुस्त वैश्विक विकास दर इसमे बड़ी भूमिका निभाएंगे।
रिपोर्ट के अनुसार मुद्रास्फीति जुलाई-दिसंबर में कमजोर रहेगी और दबाव देखने को मिलेगा। आर्थि विकास दर मजबूत होगी, हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगर प्राइवेट सेक्टर अच्छा करता है तो 2023 में आर्थिक विकास की दर अच्छी रहेगी। वित्त वर्ष 2022-23 में पहले चार महीने काफी बेहतर रहे हैं। आधिकारिक जीडीपी के आंकड़ों की बात करें तो देश की अर्थव्यवस्था 2022-23 में अप्रैल-जून के बीच 13.5 फीसदी रही है, जोकि पिछले क्वार्टर की तुलना में 4.10 फीसदी अधिक है।
अभी भी महंगाई एक बड़ी समस्या बनी हुई है। रिजर्व बैंक विकास और महंगाई को संतुलित करने की कोशिश कर रहा है। मूडीज की ओर से कहा गया है कि हालांकि महंगाई 6.7 फीसदी जुलाई माह में रहा है, लेकिन लगातार 7 माह तक महंगाई दर रिजर्व बैंक की ओर से निर्धारित 2-6 फीसदी से ऊपर रही। आरबीआई की ओर से इस बात की संभावना जताई गई है कि 2023 में महंगाई दर अधिक रहेगी।