2000 के नोट पर RBI के फैसले के बाद जानिए गोल्ड की खरीद का हाल, ज्वेलर्स ने बताई जमीनी हकीकत
RBI ने 2000 रुपए के नोट को वापस लेने का फैसला लिया है उसके बाद माना जा रहा था कि गोल्ड की बिक्री में बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी। ज्वेलर्स ने गोल्ड की खरीद को लेकर जमीनी हकीकत को साझा किया है उसमे ऐसा होता नहीं दिख रहा।
Gold Sale after 2000 Currency Decision: जिस तरह से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2000 रुपए के नोट को वापस लेने का फैसला लिया है उसके बाद गोल्ड की खरीद की बिक्री में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। एक ज्वेलर का कहना है कि आरबीआई के ऐलान के बाद गोल्ड की सेल में बढ़त जरूर हुई है लेकिन इसकी तुलना 2016 की नोटबंदी से नहीं की जा सकती है।
गौर करने वाली बात है कि शुक्रवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2000 रुपए के नोट को वापस लेने का ऐलान किया था। इसके बदले में दूसरी छोटी नोट देने की बात कही थी। सितंबर माह तक 2000 रुपए के नोट को एक्सचेंज करने की मोहलत दी गई है।
वर्ष 2016 की बात करें तो उस वक्त 500 और 1000 के नोट बदलने के लिए लोगों में अफरा-तफरी मच गई थी। लोग बड़ी संख्या में इन नोट से गोल्ड खरीद की खरीद कर रहे थे। जिसकी वजह से गोल्ड के दाम काफी कम हो गए थे। लेकिन ज्वेलर्स का कहना है कि इस बार के हालात अलग हैं।
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स असोसिएशन लिमिटेड के नेशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता ने कहा कि लोगों में किसी भी तरह की कोई जल्दबाजी नहीं है, बिक्री में मामूली बढ़त देखने को मिली है। मांग 2016 की तरह नहीं है। यही नहीं ग्राहक गोल्ड ज्वेलरी के लिए अधिक कीमत अदा नहीं कर रहे हैं।
मेहता ने बताया कि एक-दो घटनाएं ऐसी हो सकती हैं, जहां लोगों ने अधिक दाम दिए हो। लेकिन सामान्य तौर पर लोग ज्वेलरी की खरीद पर प्रीमियम दाम नहीं दे रहे हैं। बता दें कि 50 हजार रुपए से अधिक की गोल्ड खरीद पर केवआईसी अनिवार्य होता है जबकि 2 लाख रुपए से अधिक की खरीद पर पैन कार्ड की जानकारी देना अनिवार्य है।
सोमवार को गोल्ड के दाम की बात करें तो प्रति 10 ग्राम में 485 रुपए की बढ़त देखने को मिली और गोल्ड का दाम 60760 रुपए प्रति 10 ग्राम पहुंच गया। वहीं 2000 के नोट के बदले गोल्ड खरीद की बात करें तो सिर्फ 10 फीसदी लोगों ने ही कैश से खरीदारी की है बाकी लोगों ने डिजिटल पेमेंट के विकल्प को ही चुना है।
सर्राफा व्यापारी कुमार जैन ने बताया कि उनकी दुकान में ग्राहकों की आमद लगभग दोगुनी हो गई है। इसकी वजह शादियों का मौसम है। जो लोग खरीद करने के लिए आ रहे हैं उसमे से सिर्फ 10 फीसदी ही कैश में खरीद कर रहे हैं। बाकि बिजनेस पहले की ही तरह सामान्य है।
एक अन्य ज्वेलर ने दावा किया है कि 2000 रुपए के नोट को लेकर जो फैसला हुआ है उसके बाद बिक्री पर कोई असर नहीं हुआ है। बहुत अधिक लोग कैश में भुगतान नहीं करते हैं। मुझे 2000 रुपए के नोट नहीं मिल रहे हैं।