IRCTC share: इस साल 300% की उछाल से निवेशक हुए मालामाल, जानिए कैसे हुआ कमाल
मुंबई, 19 अक्टूबर: भारतीय रेलवे की सहयोगी कंपनी आईआरसीटीसी दो साल में खुद भी मालामाल हुई है और अपने निवेशकों को भी मालामाल कर दिया है। सिर्फ इस साल के पहले 10 महीनों में ही इसके शेयर की कीमतें 300% बढ़ चुकी हैं। यही नहीं यह भारत की उन कुछ चुनिंदा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में भी शामिल हो गई है, जिसका मार्केट कैप एक लाख करोड़ रुपये के मनोवैज्ञानिक सीमा को पार कर चुका है। मंगलवार को आईआरसीटीसी का शेयर 6,375.45 रुपये के अपने एक दिन के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया।

आईआरसीटीसी के निवेशक हुए मालामाल
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) मंगलवार को 1 लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैप वाले क्लब में शामिल हो गया है। 19 अक्टूबर को आईआरसीटीसी स्टॉक एक दिन में रिकॉर्ड 6,375.45 की ऊंचाई तक पहुंच गया। ऐसा पहली बार हुआ है कि आईआरसीटीसी के स्टॉक ने 6,000 रुपये की सीमा के ऊपर उछाल मारी है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंच में 11:42 बजे इसका शेयर 6,248.00 रुपये पर था, जो कि सोमवार को बीएसई में ट्रेडिंग बंद होने के समय से 6.31 फीसदी ज्यादा है। वहीं एनएसई में आईआरसीटीसी का शेयर 6.53 फीसदी बढ़कर 6,261.35 रुपये पर था। बीएसई के आंकड़ों के मुताबिक आईआरसीटीसी का मार्केट कैप 1,00,285.60 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर वाले क्लब में शामिल
सरकार की स्वामित्व वाली इस कंपनी ने बीते सिर्फ 9 महीनों में ही मार्केट कैप में 30,000 करोड़ रुपये जोड़ा है और इसकी उछाल लगातार जारी है। इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों जैसे कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), कोल इंडिया लिमिटेड, एनएमडीसी लिमिटेड, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी), पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, भारत पेट्रोलियम और एसबीआई कार्ड ने 1 लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैप का माइलस्टोन हासिल किया है।

आईआरसीटीसी ने कैसे किया कमाल ?
आईआरसीटीसी 14 अक्टूबर, 2019 यानी कि दो साल पहले ही शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी और इसका इश्यू प्राइस 320 रुपये प्रति शेयर था। तब से लेकर अबतक इसके शेयर की कीमतों में 1,737% या 18 गुना इजाफा हो चुका है। सिर्फ इसी साल आईआरसीटीसी के शेयर की कीमतें अब तक 300% बढ़ चुकी हैं। विश्लेषक इस पीएसयू के शेयर की कीमतों में बढ़ोतरी के एक से ज्यादा कारण बता रहे हैं। इसमें कोविड वैक्सिनेशन ड्राइव की कामयाबी और नए मामलों में आई कमी के अलावा अर्थव्यवस्था का धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ना भी शामिल है। इनके अलावा त्योहारी मौसम में कंपनी ने इस साल कई टूर पैकेज भी दिए हैं और साथ ही स्पेशल ट्रेनों की भी घोषणाएं की हैं। इन सबके चलते बाजार में इसके शेयर पर सकारात्मक असर पड़ा है और साथ ही निवेशकों के त्योहार वाले मूड ने भी इसकी चांदी कर दी है।

पहली तिमाई में आईआरसीटीसी को 82.52 करोड़ रुपये का मुनाफा
आईआरसीटीसी के शेयर तब से बढ़ने शुरू हुए जब से कंपनी ने अपने स्टॉक को बांटने का फैसला किया। भारतीय रेलवे की ई-टिकटिंग और कैटरिंग सर्विस ने एक इक्विटी शेयर के 10 रुपये वाले फेस वैल्यू को 5 इक्विटी शेयर वाले 2 रुपये के फेस वैल्यू में बांट दिया था। किसी भी कंपनी के स्टॉक को आमतौर पर इसलिए विभाजित किया जाता है, ताकि छोटे निवेशकों के लिए शेयर की कीमतें ज्यादा किफायती रहें और इसके जरिए कंपनी को भी अपनी लिक्विडिटी बढ़ाने में आसानी रहे। हालांकि, इससे कैपिटल तो नहीं बढ़ता, लेकिन शेयरों की संख्या बढ़ जाती है। आईआरसीटीसी के मामले में शेयरों के विभाजन से इसकी लिक्विडिटी तो बढ़ी है, इसके शेयर होल्डर्स का बेस भी बढ़ गया है। कंपनी को जून में खत्म हुई तिमाई में 82.52 करोड़ रुपये का मुनाफा भी हुआ है। जबकि, एक साल पहले इसी अवधि में कोविड लॉकडाउन से संबंधित वजहों से उसे 24.60 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।