क्रिसिल ने 2019-20 की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.9 से घटाकर 6.3 फीसदी किया
क्रिसिल ने 2019-20 की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटाकर 6.3 फीसदी किया
नई दिल्ली। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ को लेकर अपने अनुमान में बदलाव किया है। क्रिसिल ने देश की जीडीपी ग्रोथ 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। एजेंसी ने पहले चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। जिसे घटाकर अब 6.3 फीसदी कर दिया है। क्रिसिल ने बुधवार को संशोधित अनुमान जारी करते हुए अपने बयान में कहा है कि देश में मंदी की स्थिति बहुत गंभीर है और जो कहा जा रहा है कि उससे कहीं ज्यादा मुश्किल वक्त का सामना देश को आर्थिक मोर्चे पर करना पड़ सकता है।
क्रिसिल की ओर से कहा गया है कि मैन्युफैक्चरिंग में ठहराव और निजी उपभोग में बड़ी गिरावट आई है। जीडीपी ग्रोथ का अनुमान दूसरी तिमाही से मांग बढ़ने और सबसे महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था के इसी रफ्तार से बाकी बची अवधि में वृद्धि करते रहने की उम्मीद पर आधारित है। हमें वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में ग्रोथ रेट में मामूली सुधार की उम्मीद है।
देश में बीते कुछ समय से आर्थिक मंदी की स्थिति है। देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में धीमी पड़कर 5 प्रतिशत रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जीडीपी दर पहली तिमाही में 5.8 फीसदी से घटकर 5 फीसदी पर पहुंच गई। ये 6 साल का सबसे निचला स्तर है। एक साल पहले इसी तिमाही में वृद्धि दर आठ प्रतिशत थी।
बीते महीने क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भी साल 2019 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया था। एजेंसी ने पहले जीडीपी ग्रोथ 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था, जिसे अब 0.6 प्रतिशत घटाकर 6.2 कर दिया गया है।
बता दें कि देश के ऑटो, एफएमसीजी से लेकर टेक्सटाइल इंडस्ट्री तक में सुस्ती का माहौल है। इस वजह से कंपनियां प्लांट बंद कर रही हैं तो वहीं लाखों लोगों की छंटनी हो चुकी है। लाखों लोगों की नौकरियां चली गई है। आर्थिक मामलों के जानकार लगातार देश की स्थिति पर चिंता का इजहार कर रहे हैं।
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