भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर Fitch की चिंताजनक रिपोर्ट, FY23 के लिए घटाया जीडीपी ग्रोथ का अनुमान
नई दिल्ली, 15 सितंबर: अग्रणी रेटिंग एजेंसी फिच ने एक चिंताजनक रिपोर्ट जारी की है, जिसके आधार पर उसने दावा किया कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की गति थोड़ी धीमी होगी। इस वजह से मार्च 2023 तक उसने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ के अनुमान को 7.8 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा फिच ने वित्त वर्ष 24 के लिए विकास दर 7.4 प्रतिशत से घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया।
नए अनुमानों को जारी करते हुए रेटिंग एजेंसी ने कहा कि उनको आशंका है कि ग्लोबल इकोनॉमी, बढ़ी हुई मुद्रास्फीति और सख्त मौद्रिक नीति को देखते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो जाएगी। अगस्त में मुद्रास्फीति में नरमी आई क्योंकि कच्चे तेल कीमतों में कमी आई, लेकिन इस साल के अंत में नकारात्मक सीजन को देखते हुए खाद्य मुद्रास्फीति का जोखिम बना रहता है। फिच के मुताबिक उसे उम्मीद है कि निकट भविष्य में नीतिगत दरें चरम पर होंगी।
वहीं फिच का अनुमान है कि आरबीआई महंगाई घटाने पर लक्ष्य केंद्रित करते हुए ब्याज दर बढ़ा सकता है। ऐसे में ये इस साल के अंत तक 5.9 प्रतिशत हो सकती है, लेकिन ये कदम सिर्फ आर्थिक गतिविधियों और महंगाई को देखते हुए उठाया जाएगा। वहीं ग्लोबल इकोनॉमी की बात करें तो फिच ने ग्लोबल जीडीपी दर 2022 में 2.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई। इसी तरह 2023 में ये आंकड़ा 1.7 प्रतिशत रहेगा। अगर हालात नहीं सुधरे तो इस साल के अंत तक ब्रिटेन में और अगले साल अमेरिका में आर्थिक मंदी आ सकती है। हालांकि इसके बहुत हल्के प्रभाव की उम्मीद है।
वित्त मंत्री को उम्मीद, भारत की GDP दोहरे अंकों में इसी वर्ष पहुंचेगी, मंदी की आशंका शून्य फीसद
पूर्व
गवर्नर
से
जताई
चिंता
वहीं
दूसरी
ओर
आरबीआई
के
पूर्व
गवर्नर
डी.
सुब्बाराव
ने
इस
रिपोर्ट
को
लेकर
चिंता
जताई
है।
उन्होंने
कहा
कि
चालू
वित्त
वर्ष
की
पहली
तिमाही
में
अर्थव्यवस्था
में
तेजी
देखे
जाने
की
उम्मीद
थी,
लेकिन
हमारे
हाथ
निराशा
लगी।
आगे
की
तिमाहियों
में
और
गिरावट
की
आशंका
है।