नकली नोट से निजात पाने के लिए हर 3-4 साल में बदल जाएंगे 500-2000 के नोट
नकली नोटों से निजात पाने के लिए सरकार हर 3-4 साल में 500 और 2000 के नोटों को बदलने पर विचार कर रही है।
नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार ने 500 के नए और 2000 के नोट पहली बार जारी किया। नोटबंदी के बाद इन नोटों को इस मकसद से जारी किया गया कि इससे नकली नोटों के कारोबार और भ्रष्टाचार को कम किया जा सकेगा, लेकिन नोटबंदी के बाद पिछले 4 महीनों में जिस रफ्तार से 500 और 2000 के नकली नोट पकड़े गए है उससे सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इसी वजह से सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि हर 3-4 साल में बड़े नोटों के सुरक्षा फीचर्स को बदल दिए जाएं।
केंद्र सरकार 500 और 2000 के नोटों के सिक्योरिटी फीचर्स को हर 3-4 साल पर बदलने का विचार कर रही है। ऐसा इसलिए ताकी नकली नोटों की समस्या से निजात मिल सके। इसे मुद्दे पर वित्त मंत्रालय और गृहमंत्रालय के उच्च अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा हुई। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि सहित वित्त और गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।
इस बैठक में इस बात का समर्थन किया गया कि अन्य विकसित देश की तरह हमारे देश में भी नोटों में सुरक्षा फीचर हर 3-4 साल में बदलने की पहल होनी चाहिए। उन्होंने माना कि भारतीय नोटों के डिजाइन में बदलाव लंबे समय से लंबित है। लेकिन अब सरकार इस बार विचार कर रही है। एक इस बार आम सहमति बन गई तो हर 3-4 साल बाद 500 और 2000 के नोटों की सिक्योरिटी फीचर्स में बदलाव किए जाएंगे।
गौरतलब है कि साल 2000 में 1000 रुपए के नोट जारी किए गए, लेकिन उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया और अंतत 8 सितंबर 2016 को सरकार ने इसे पूरी तरह से बंद कर दिया। वहीं साल 1987 में 500 रुपए के नोट जारी किए गए और लंबे वक्त तक उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया। एक दशक पहले उसमें बदलाव किए गए, फिर नोटबंदी के बाद 500 के नए नोट जारी किए गए। हलांकि अधिकारियों ने भी माना है कि नए नोटों में सुरक्षा के अतिरिक्त फीचर्स नहीं दिए गए है। आपको बता दें कि हाल ही में पकड़े गए जाली नोटों में 17 सुरक्षा फीचर में से कम से कम 11 की नकल की गई है। जिसे लेकर सरकार की चिंता बढ़ गई है और अब नोटों के सिक्योरिटी फीचर्स को निश्चित समय अंतराल के बाद बदलने पर विचार किया जा रहा है।