दिवालिया होने की कगार पर पहुंची टेलीकॉम कंपनियों को केंद्र का तोहफा, राहत पैकेज को दी मंजूरी
नई दिल्ली, 15 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अवास पर बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल के बैठक हुई। इस मीटिंग में वित्तीय संकट का सामना कर रहीं टेलीकॉम कंपनियों के राहत देते हुए केंद्र की तरफ से एक अहम योजना को मंजूरी दे दी गई है। राहत पैकेज से वोडाफोन-आइडिया और भारती एयरटेल जैसी टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी सहायता मिलेगी। दूरसंचार क्षेत्र के अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ऑटो और ड्रोन सेक्टर के लिए पीएलआई योजना को भी मंजूरी दे दी गई है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बैठक में दिए गए राहत पैकेज की पुष्टि की है। दूरसंचार राहत पैकेज के बारे में अधिक जानकारी बुधवार शाम एक प्रेस क्रॉन्फ्रेंस में दी जाएगी। पहले की रिपोर्टों के अनुसार राहत पैकेज में समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) से संबंधित बकाया पर चार साल की मोहलत शामिल होने की संभावना है, इसके अलावा दूरसंचार कंपनियों को अप्रयुक्त स्पेक्ट्रम को आत्मसमर्पण करने की अनुमति है। राहत पैकेज में कुछ अन्य उपाय भी शामिल होंगे जो टेलीकॉम पर बोझ को और कम करेंगे।
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राहत पैकेज मुख्य रूप से वोडाफोन आइडिया के लिए बड़ी खुशखबरी है, ये दोनों कंपनियां दिवालिया होने की कगार पर हैं। एजीआर से संबंधित बकाए पर रोक से नकदी की कमी वाली कंपनी को अपने व्यवसाय में सुधार करने और लंबी अवधि में बकाया राशि का भुगतान करने के लिए मोहलत मिलेगी। केंद्र सरकार के राहत पैकेज से वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल दोनों को फायदा होगा क्योंकि टेलीकॉम को एजीआर बकाया का सबसे बड़ा हिस्सा चुकाना होगा। जबकि भारती एयरटेल की वित्तीय स्थिति वोडाफोन आइडिया की तुलना में काफी बेहतर है, राहत उपाय कंपनी की भविष्य की योजनाओं को रिलायंस जियो के साथ प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेगा।