
नई दिल्ली। तमिलनाडु के सरकारी कर्मचारियों के लिए भी सातवें वेतन आयोग को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। अब तमिलनाडु में भी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाएगा। इसके तहत राज्य के 10 लाख से भी अधिक सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा। सातवें वेतन आयोग को मुख्य मंत्री ई के पलानीस्वामी की अध्यक्षता में हुए कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। इससे पहले तमिलनाडु के वित्त मंत्री के शनमुंगन की अध्यक्षता में एक हाई-लेवल की मीटिंग हुई है, जिसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई थी। यह रिपोर्ट 27 सितंबर 2017 को सौंपी गई है। जिस मीटिंग के बाद यह रिपोर्ट बनाई गई थी, उस हाई-लेवल मीटिंग में 5 सदस्य थे। उस रिपोर्ट के आधार पर ही कैबिनेट ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को तमिलनाडु में लागू करने की मंजूरी दी है।

कितनी मिलेगी सैलरी?
न्यूनतम वेतन- 15,700 रुपए
अधिकतम वेतन- 2,25,000 रुपए
फिटमेंट फैक्टर- 2.57 गुना (पेंशनधारकों के लिए भी)
न्यूनतम पेंशन- 7,850 रुपए
अधिकतम पेंशन- 1,12,500 रुपए
ग्रेच्युटी सीलिंग- 20 लाख
सालाना बढ़ोत्तरी- 3 फीसदी
आवास भत्ता- 250-8300 रुपए
सिटी अलाउंस- दोगुना
महंगाई भत्ता- केन्द्र सरकार के कर्मचारियों जितना

8 लाख टीचर्स को होगा फायदा
तमिलनाडु में सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद करीब 8 लाख सरकारी टीचर्स (अध्यापक-अध्यापिकाओं) फायदा होगा। सातवें वेतन आयोग के तहत केन्द्र यूनिवर्सिटी, राज्य यूनिवर्सिटी और इनसे जुड़े कॉलेज के टीचर्स की सैलरी में करीब 22 फीसदी से 28 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी होगी। इसके तहत केन्द्र की तरफ से चलाए जाने वाले 119 टेक्निकल इंस्टीट्यूशन के टीचर्स को भी फायदा होगा। इन इंस्टीट्यूशन में आईआईटी, आईआईएससी, आईआईएम, आईआईएसईआई और एनआईटीआईई आते हैं।

सरकार पर पड़ेगा इतना बोझ
टीचर्स की सैलरी बढ़ाने के कैबिनेट के इस फैसले से राज्य सरकार पर करीब 9,800 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। यह नया पे स्केल 1 जनवरी 2016 से प्रभावी माना जाएगा। तमिलनाडु में भी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने से राज्य सरकार पर सालाना कुल 14,719 रुपए का बोझ पड़ेगा। यह बात खुद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने कही है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके तहत न्यूनतम सैलरी 15,700 रुपए होगी, जो अभी सिर्फ 6,100 रुपए है और अधिकतम सैलरी 2.25 लाख रुपए होगी।

केन्द्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 17 फीसदी बढ़ोत्तरी तय
केन्द्रीय कर्मचारियों के बेसिक न्यूनतम वेतन में 17 फीसदी की बढ़ोत्तरी होना तय हो गया है। सरकार ने यह फैसला कर लिया है और अब बस इसे नेशनल एनॉमली कमेटी यानी एनएसी के सामने प्रस्तुत किया जाना बाकी है। अगर इस बढ़ोत्तरी को कैल्कुलेट किया जाएगा तो न्यूनतम वेतन 21,000 रुपए होना तय है। मौजूदा समय में न्यूनतम बेसिक वेतन 18,000 रुपए है और 17 फीसदी बढ़ोत्तरी के बाद यह 21,000 रुपए हो जाएगा। इस बढ़ोत्तरी से यह भी साफ हो जाता है कि फिटमेंट फैक्टर 3 गुना हो जाएगा। अभी तक फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना रखना तय किया गया था।

जल्द से जल्द होगा इस पर फैसला
माना जा रहा है कि अधिकारी इस पर जल्द से जल्द फैसला करेंगे। वित्त मंत्री अरुण जेटली पहले ही यह कह चुके हैं कि बेसिक न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी के मुद्दे को ध्यान में रखना जरूरी है। माना जा रहा है कि सरकार 1 जनवरी 2018 से बढ़ा हुआ वेतन देने की योजना बना रही है। जेटली ने ही सातवें वेतन आयोग से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए नेशनल एनोमली कमेटी यानी एनएसी बनाने का आदेश दिया था।

न्यूतम सैलरी 25000 रुपए करने की है मांग
दरअसल, केन्द्रीय कर्मचारियों की मांग है कि उनकी न्यूनतम सैलरी को बढ़ाकर 25 हजार रुपए किया जाए। ऐसे में अगर सरकार से बातचीत का दौर आगे बढ़ता है, तो हो सकता है कि सरकार को कर्मचारियों की मांग के आगे झुकना पड़े। ऐसी स्थिति में आपको 25 हजार रुपए की न्यूनतम सैलरी का तोहफा मिल सकता है। हालांकि, अभी सरकार इसे 21 हजार रुपए करने पर विचार कर रही है।

नहीं मिलेगा एरियर
सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वह वेतन तो बढ़ाएगी, लेकिन किसी को भी एरियर नहीं देगी। यह केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी दिक्कत की वजह है। उन्हें यह समझ नहीं आ रहा कि सरकार आखिर एरियर क्यों नहीं दे रही है। आपको बता दें कि सरकार 1 जनवरी 2018 से बढ़ा हुआ न्यूनतम वेतन देने वाली है। अगर सरकार एरियर दे देती है तो केन्द्रीय कर्मचारी बेसिक न्यूनतम वेतन 21,000 होने से भी खुश होंगे, लेकिन अगर सरकार एरियर नहीं देती है तो न्यूनतम वेतन 25,000 करने पर ही केन्द्रीय कर्मचारियों का बोझ कम होगा।