खुशखबरी: सातवें वेतन आयोग के लागू होती ही केन्द्रीय कर्मचारियों की बढ़ेगी सैलरी और एचआरए
यह तोहफा सातवें वेतन आयोग के तहत मिल सकता है, जिसकी फाइनल रिपोर्ट 27 अप्रैल को पेश की जा सकती है, जब अरुण जेटली अपनी अमेरिका की यात्रा से वापस आ जाएंगे।
नई दिल्ली। जल्द ही केन्द्र सरकार के सभी कर्मचारियों को सरकार की ओर से एक बड़ा तोहफा मिलने वाला है। इस तोहफे में उनकी सैलरी में तगड़ी बढ़ोत्तरी हो सकती है। यह तोहफा सातवें वेतन आयोग के तहत मिल सकता है, जिसकी फाइनल रिपोर्ट 27 अप्रैल को पेश की जा सकती है, जब अरुण जेटली अपनी अमेरिका की यात्रा से वापस आ जाएंगे। आइए जानते हैं क्या मिलेगा केंद्र सरकार के कर्मचारियों को। ये भी पढ़ें- 499 रुपए में रेडमी नोट-4, ऑर्डर करने से पहले पढ़ लें ये खबर
सैलरी में तगड़ी बढ़ोत्तरी
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के आ जाने के बाद पहले से अधिक सैलरी मिलेगी। 27 अप्रैल को इसकी फाइनल रिपोर्ट पेश की जाएगी, जिसके बाद अगर सातवां वेतन आयोग लागू होता है तो सैलरी में तगड़ी बढ़ोत्तरी होगी। ये भी पढ़ें- उदय एक्सप्रेस की 12 बातें, 3एसी से कम किराया, हर कोच में TV
इतनी हो जाएगी कैबिनेट सचिव की सैलरी
वर्तमान समय में कैबिनेट सचिव को 90 हजार रुपए की बेसिक सैलरी मिलती है, जो सातवें वेतन आयोग के आने के बाद 2.5 लाख रुपए हो जाएगी। इसके चलते हाउस रेंट अलाउंस में भी तगड़ी बढ़ोत्तरी होगी। सातवां वेतन आयोग अगर लागू होता है तो उसे 1 जनवरी 2016 से प्रभावी माना जाएगा। ये भी पढ़ें- आप भी हैं जियो के ग्राहक, तो ये पढ़कर आपको होगा अफसोस!
कितना हो जाएगा हाउस रेंट अलाउंस
सातवां वेतन आयोग आ जाने के बाद कैबिनेट सचिव का हाउस रेंट अलाउंस 60 हजार रुपए प्रति महीना हो जाएगा। सातवें वेतन आयोग में प्रस्ताव दिया गया था कि हाउस रेंट अलाउंस अलग-अलग कैटेगरी के हिसाब से कर्मचारियों के लिए 24 फीसदी, 16 फीसदी और 8 फीसदी हो जाएगा। ये भी पढ़ें- ये है धांसू ऑफर, BSNL लाया रिलायंस जियो से भी सस्ता प्लान
कितने लोगों को मिलेगा फायदा?
मौजूदा समय में देश में कुल 43 लाख केन्द्र सरकार के कर्मचारी हैं और इसके अलावा 53 लाख पेंशनधारक भी हैं। यह सभी लोगों को छठे वेतन आयोग के तहत सुविधाएं और बोनस मिलता है। इन सभी लोगों को सातवां वेतन आयोग मिल जाने के बाद सावतें वेतन आयोग के हिसाब से बढ़े हुए फायदे मिलेंगे। ये भी पढ़ें- रिलायंस जियो को हुआ तगड़ा नुकसान, क्या होगा ग्राहकों का अब?