बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या का ऑस्ट्रेलिया में तीखा विरोध
नई दिल्ली, 31 मई। अक्सर विवादों में घिरे रहने वाले भारतीय जनता पार्टी के सांसद तेजस्वी सूर्या का ऑस्ट्रेलिया में कड़वा स्वागत हुआ, जब उनका पहला ही कार्यक्रम रद्द कर दिया गया. तेजस्वी सूर्या को सोमवार को सिडनी की एक यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करना था लेकिन विरोध प्रदर्शनों के नोटिस के बाद आयोजकों ने यह कार्यक्रम रद्द कर दिया.
तेजस्वी सूर्या ऑस्ट्रेलियाइंडिया यूथ डॉयलॉग के सालाना सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया पहुंचे हैं. ऑस्ट्रेलिया इंडिया यूथ डॉयलॉग की वेबसाइट के मुताबिक यह भारत और ऑस्ट्रेलिया के युवाओं के बीच संवाद का एक मंच है. यह भारत और ऑस्ट्रेलिया में हर दूसरे वर्ष एक सम्मेलन आयोजित करता है जिसमें दोनों देशों के 15-15 चुनिंदा युवा बुलाए जाते हैं. अपने-अपने क्षेत्रों में ऊंचाइयां छू चुके ये युवा एक दूसरे से संवाद करते हैं और अपने विचारों को साझा करते हैं.
इस साल यह सम्मेलन 31 मई से 3 जून तक ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में हो रहा है, जिसके लिए भारत से चुने गए 15 लोगों में सबसे कम उम्र में सांसद बनने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेता तेजस्वी सूर्या शामिल हैं. एआईवाईडी सम्मेलन से इतर उन्हें सोमवार को सिडनी की स्विनबर्न यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में छात्रों को संबोधित करना था.
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इस बारे में कई संगठनों और अकादमिक जगत के लोगों ने यूनिवर्सिटी को पत्र लिखकर विरोध जताया था. कुछ संगठनों ने विरोध प्रदर्शन का नोटिस भी यूनिवर्सटी को भेजा था. इस नोटिस के जवाब में यूनिवर्सिटी ने प्रदर्शनकारियों को ईमेल से सूचित किया कि आयोजन रद्द कर दिया गया है. अपने जवाब में यूनिवर्सिटी अधिकारियों ने लिखा कि यह आयोजन स्विनबर्न यूनिवर्सिटी का नहीं बल्कि एजुकेशन सेंटर ऑफ ऑस्ट्रेलिया (ईसीए) नाम के एक अन्य निजी संस्थान का था, जो यूनिवर्सिटी के कैंपस की बिल्डिंग से ही काम करता है. अधिकारीने कहा कि ईसीए के अधिकारियों से इस बारे में बातचीत हुई है और यह आयोजन रद्द कर दिया गया है.
तेजस्वी सूर्या का विरोध?
अपने कट्टर हिंदूवादी बयानों के लिए जाने जाने वाले बीजेपी नेता तेजस्वी सूर्या का विरोध ऑस्ट्रेलिया आने से पहले ही शुरू हो गया था. उनके एआईवीडी के सम्मेलन में शामिल होने की सूचना सार्वजनिक हुई तो एक ऑनलाइन याचिका भी शुरू की गई जिसमें उनका वीजा रद्द करने की मांग की गई. अब तक 4,000 से ज्यादा लोगों का समर्थन हासिल कर चुकी इस याचिका में कहा गया कि "एक फासीवादी सांसद का सरकारी एजेंसियों के खर्च और नाम पर ऑस्ट्रेलिया में बुलावा अस्वीकार्य है."
इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के कई संगठनों ने एक साझा पत्र भी लिखा है जिसमें एआईवाईडी और उसके सहयोगी संगठनों को तेजस्वी सूर्या को मंच ना देने का आग्रह किया गया है. द ह्यूमनिज्म प्रोजेक्ट, हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स, ऑस्ट्रेलियन फेडरेशन ऑफ इस्लामिक काउंसिल्स, वी आर द मेनस्ट्रीम, साउथ एशियन ह्यूमनिस्ट असोसिएशन जैसे ऑस्ट्रेलियाई संगठनों के अलावा इस साझा पत्र में न्यूजीलैंड, अमेरिका और ब्रिटेन के भी कई मानवाधिकार संगठन शामिल हुए हैं.
निर्दलीय महिलाओं ने बदल दी ऑस्ट्रेलियाई राजनीति की दिशा
द ह्यूमनिज्म प्रोजेक्ट के डॉ. हारून कासिम ने बताया, "जैसा कि एआईवीडी की वेबसाइट से जाहिर है, तेजस्वी सूर्या खुद को आरएएसएस स्वयंसेवक के तौर पर पेश करते हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक कट्टरपंथी हिंदू संगठन है, जो यूरोपीय फासीवादी तौर तरीकों से लोगों को एक-दूसरे का दुश्मन बना रहा है. उसके दर्शन को मंच देना समझदारी नहीं होगी."
भारतीय मूल की ऑस्ट्रेलियाई लेखिका और न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय में लेक्चरर रोआना गॉनसाल्वेस कहती हैं कि विश्वविद्यालयों को ऐसे "महिलाओं से नफरत करने वाले हिंदुत्व फासीवादी का समर्थन नहीं करना चाहिए." वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी की डॉ. सुखमनी खुराना कहती हैं कि उच्चशिक्षा के संदर्भ में महिला-विरोधी, सैन्यवादी विचारधारा को मंच प्रदान करना समझ से बाहर की बात है.
क्यों विवादित हैं तेजस्वी सूर्या?
विरोध कर रहे संगठनों ने तेजस्वी सूर्या के उन बयानों का भी हवाला दिया है जिनमें वह कट्टर हिंदुत्व और कथित तौर पर इस्लाम विरोधी बातें करते हैं. मसलन, उनके उस ट्वीट का जिक्र है जिसमें उन्होंने अरब महिलाओं का जिक्र करते हुए लिखा था कि "95 प्रतिशत अरब महिलाओं को अपने पिछले कुछ सौ सालों में यौन संतुष्टि नहीं मिली है. हर मां ने बच्चों को सिर्फ सेक्स करके पैदा किया है, प्यार करके नहीं."
@PMOIndia Respected Prime minister @narendramodi India's relation with the Arab world has been that of mutual respect. Do you allow your parliamentarian to publicly humiliate our women? We expect your urgent punitive action against @Tejasvi_Surya for his disgraceful comment. pic.twitter.com/emymJrc5aU
— المحامي⚖مجبل الشريكة (@MJALSHRIKA) April 19, 2020
इस ट्वीट का खासा विरोध हुआ था और यूएई में भारत के तत्कालीन राजदूत पवन कपूर को सोशल मीडिया पर सफाई देनी पड़ी थी.
डॉ. कासिम कहते हैं कि तेजस्वी सूर्या का धार्मिक कट्टरपंथ जगजाहिर है. उन्होंने कहा, "तेजस्वी सूर्या की धर्मांधता, महिलाओं के प्रति उनकी नफरत और बर्बरता के दस्तावेज मौजूद हैं, फिर भी एआईवाईडी ने उन्हें अपने कार्यक्रम में बुलाया है. ऑस्ट्रेलिया के सबसे अच्छे विश्वविद्यालयों और संस्थानों को उसने अपना साझीदार बताया है. इससे गंभीर सवाल उठते हैं कि ये संस्थान सूर्या के विवादित इतिहास से परिचित हैं या नहीं. यह एआईवाईडी की ऑस्ट्रेलिया के बहुसंस्कृति, विविधता और समावेश जैसे मूल्यों के लिए प्रतिबद्धता पर भी प्रश्नचिन्ह है."
तेजस्वीसूर्याकासमर्थन
इस बारे में एआईवाईडी ने सवालों का जवाब नहीं दिया लेकिन विवाद खड़ा होने के बाद कई साझीदारों के नाम उसकी वेबसाइट से हटा लिए गए. जिन साझीदारों के नाम हटाए गए उनमें शामिल केपीएमजी ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि उनका इस साल एआईवाईडी से कोई नाता नहीं है और उनका लोगो बिना जानकारी के इस्तेमाल किया गया था. उधर मेलबर्न विश्वविद्यालय ने अपने लोगो के इस्तेमाल को 'एआईवाईडी की प्रशासनिक गलती' बताया.
कुछ साझीदारों ने एआईवाईडी का साथ ना छोड़ने की भी बात कही. मोनाश यूनिवर्सिटी ने मीडिया को जारी एक बयान में कहा, "मोनाश यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया इंडिया यूथ डॉयलॉग के चार उत्कृष्ट साझीदारों में से एक है. यूनिवर्सिटी 2022 सम्मेलन के लिए डेलिगेट का चुनाव करने की प्रक्रिया में शामिल नहीं थी. यह डॉयलॉग एक राजनीतिक मंच नहीं है बल्कि ऑस्ट्रेलिया और भारत के विविध और जटिल विषयों पर विचार रखने वाले लोगों के साथ आने और विचारों को साझा करने का मौका है, जो एक सम्मानजनक तरीके से संवाद के रास्ते खोलता है और सकारात्मक बदलाव को दिशा दिखाता है."
I am all the more convinced that we must unapologetically agitate for a Hindu rashtra.
As long as we try to defend bring Hindu in a 'secular' language, we will lose.
This is a lifetime's work. To just make people see truth bereft of their colonial & abrahamic consciousness.
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) February 19, 2019
अन्य सहयोगी ग्लोबल विक्टोरिया ने भी यही सफाई दी कि भागीदारों के चुनाव में कोई उनकी कोई भूमिका नहीं है. भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी संगठनों ने ऑस्ट्रेलिया में एक ऑनलाइन याचिका शुरू करके तेजस्वी सूर्या का स्वागत किया है. लगभग 1100 लोगों द्वारा समर्थित इस याचिका में कहा गया है कि कुछ लोग जान बूझकर भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को खराब करने की कोशिश के तहत उनका विरोध कर रहे हैं.
यह याचिका कहती है, "भारत एक युवा देश है जहां औसत आयु करीब 28 वर्ष है और तेजस्वी सूर्या इस वक्त सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सबसे युवा सांसद हैं व संबंधों की मजबूती के लिए सर्वोत्तम राजदूत हैं. दस लाख से ज्यादा फॉलोअरों वाले युवा आईकन होने के नाते वह संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में बहुत अहम साबित होंगे, खासतौर पर शिक्षा के क्षेत्र में जबकि ऑस्ट्रेलिया कोविड के बाद भारतीय छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी देख रहा है."
Source: DW