पति की सैलरी का ब्यौरा लेने के लिए पत्नी ने दायर कर दी RTI, अब विभाग ने दिए हैं यह निर्देश
नई दिल्ली, अक्टूबर 03। हमारे आसपास के लोग या फिर रिश्तेदार एक सवाल अक्सर पूछते हैं, जब भी हम उनसे मुलाकात करते हैं और वो सवाल होता है कि तुम क्या करते हो और कितना कमा लेते हो? इस सवाल का अधिकांश लोग सामना कर चुके होंगे। वैसे यह जानकारी आमतौर पर फैमिली मेंबर्स के बीच ही साझा की जाती है, लेकिन जब बात वैवाहिक मतभेदों की आती है तो कमाई की जानकारी छिपा पाना मुश्किल होता है। जैसे कि तलाक के मसलों में एक पुरुष को अपनी सैलरी या फिर कमाई की जानकारी को कोर्ट और मामले से जुड़े सभी लोगों के साथ शेयर करना होता है। इसके अलावा शादी के बाद अगर पति अपनी पत्नी को सैलरी की सही जानकारी नहीं देता है तो पत्नी इसके लिए कानूनी रास्ता भी अपना सकती है।
15 दिन के भीतर देना होगा जवाब
जी हां, यह मामला यूपी के बरेली का है। यहां एक महिला ने RTI दायर करके अपने पति की इनकम का पूरा ब्यौरा मांग लिया। द फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने अपने हालिया आदेश में, आयकर विभाग को यह निर्देश दिया है कि वह एक महिला को उसके पति की शुद्ध कर योग्य आय / सकल आय का सामान्य विवरण 15 दिनों के भीतर उपलब्ध कराए। आयोग को यह आदेश RTI दायर होने के बाद ही देना पड़ा है।
पहले विभाग ने जानकारी देने से कर दिया था इनकार
रिपोर्ट में कहा गया है कि शुरुआत में आयकर अधिकारी ने बरेली के आयकर विभाग के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी ने आरटीआई के तहत ब्यौरा देने से इनकार कर दिया था और इसकी वजह यह थी कि महिला संजू गुप्ता के पति ने इसके सहमति देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद महिला ने अपील दायर कर प्रथम अपीलीय प्राधिकरण (एफएए) से मदद मांगी। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि एफएए ने सीपीआईओ के आदेश को बरकरार रखा, जिसके बाद गुप्ता ने सीआईसी के पास दूसरी अपील दायर की।
CPIO ने दिए निर्देश
आपको बता दें कि केंद्रीय सूचना आयोग ने अपने पिछले कुछ आदेशों व सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के निर्णयों को देखा, जिसके बाद 19 सितंबर 2022 को अपना आदेश दिया। इसके बाद आयकर विभाग के सेंट्रल पब्लिक इन्फॉर्मेशन ऑफिसर (सीपीआईओ) को पत्नी को अपने पति की शुद्ध कर योग्य आय/सकल आय का विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।
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