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ओमिक्रॉन: कोरोना के नए वेरिएंट के बारे में अब तक क्या पता है

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को लेकर तमाम तरह के क़यास लग रहे हैं. आइए समझते हैं कि अभी तक हमें इस वायरस के बारे में क्या पता है और जानकार इस बारे में क्या कह रहे हैं.

By BBC News हिन्दी
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कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को लेकर तमाम तरह के क़यास लग रहे हैं. आइए समझते हैं कि अभी तक हमें इस वायरस के बारे में क्या पता है और जानकार इस बारे में क्या कह रहे हैं.

दिल्ली के एम्स अस्पताल के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि अभी नए वरिएंट ओमिक्रोन को लेकर जो भी जानकारियाँ उपलब्ध हैं, उनसे कई तरह की संभावनाओं का संकेत मिलता है, लेकिन किसी ठोस नतीजे पर पहुँचने के लिए उन्हें वैज्ञानिक आधार पर जाँचने की आवश्यकता है.

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डॉक्टर गुलेरिया ने रविवार को समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि ऐसा बताया जा रहा है कि ओमिक्रोन के 30 से ज़्यादा म्यूटेशन हो चुके हैं. ये म्यूटेशन या बदलाव वायरस के स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में हुए हैं.

डॉक्टर गुलेरिया ने बताया कि वायरस के स्पाइक प्रोटीन वाले क्षेत्र में म्यूटेशन होने से वो वेरिएंट ऐसी क्षमता विकसित कर सकता है जिसमें कि वो इम्युनिटी से बच सकता है, यानी ये हो सकता है कि टीके या दूसरी वजहों से पैदा हुई शरीर की प्रतिरोधी क्षमता का उस वायरस पर असर नहीं हो.

एम्स प्रमुख ने कहा कि ऐसे में दुनिया की सभी कोविड वैक्सीनों की समीक्षा करनी पड़ेगी क्योंकि अधिकतर वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन से जूझने वाले एंटीबॉडी विकसित करते हैं, और इसी आधार पर वो वैक्सीन काम करती है.

डॉक्टर गुलेरिया ने कहा,"अब चूँकि ओमिक्रॉन इसी क्षेत्र में म्यूटेशन कर रहा है यानी रूप बदल रहा है, तो हो सकता है कि कई वैक्सीन उसपर उतने असरदार ना हों ."

वैज्ञानिक 'हैरान'

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले सप्ताह कोरोना वायर के इस नए वेरिएंट को "चिंता की बात" बताते हुए इसका नाम ओमिक्रॉन रखा था.

संगठन ने एक बयान जारी कर कहा था कि इस वेरिएंट के बहुत सारे म्यूटेशन हो रहे हैं, और शुरुआती संकेत यही मिल रहे हैं कि इससे दोबारा संक्रमित होने का ख़तरा है.

https://www.youtube.com/watch?v=NU-fiU7SRZw

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सबसे पहले 24 नवंबर को इस दक्षिण अफ़्रीका में इस वायरस के मिलने की पुष्टि की थी. इसके अलावा ये वायरस बोत्सवाना, बेल्जियम, हॉन्गकॉन्ग और इसराइल में भी पाया गया था.

दक्षिण अफ़्रीका में सेंटर फॉर एपिडेमिक रेस्पॉन्स एंड इनोवेशन के निदेशक प्रोफ़ेसर टुलियो डी ओलिवेरा ने बताया है कि ओमिक्रोन दूसरे वेरिएंट से "बहुत अलग" है और इसमें "म्यूटेशन का असामान्य समूह" देखा गया है.

उन्होंने कहा, "इस वेरिएंट ने हमें हैरान कर दिया है, सामान्यतः वायरस में जिस तरह के बदलाव होते हैं और जिनकी हमें उम्मीद होती है, उनके हिसाब से ये बहुत तेज़ी से बदल रहा है.

मीडिया से बात करते हुए प्रोफ़ेसर डी ओलिवेरा ने कहा कि इसमें कुल मिलाकर 50 म्यूटेशन हुए हैं और 30 से ज़्यादा स्पाइक प्रोटीन में हुए हैं.

वायरस के हमारे शरीर की कोशिकाओं से संपर्क बनाने वाले हिस्से की बात करें तो इसमें 10 म्यूटेशन हुए हैं. जबकि दुनिया भर में तबाही मचाने वाले डेल्टा वेरिएंट में दो म्यूटेशन हुए थे.


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सभी म्यूटेशन का मतलब ये नहीं होता है कि वो बुरे होते हैं लेकिन ये देखना ज़रूरी है कि इसमें क्या-क्या म्यूटेशन हुए हैं.

लेकिन, चिंता इस बात की है ये वायरस चीन के वुहान में मिले मूल वायरस से मौलिक रूप से अलग है. इसका मतलब ये है कि उस मूल वायरस को ध्यान में रखकर बनाई गईं वैक्सीन इस वेरिएंट पर अप्रभावी हो सकती हैं.

दूसरे वेरिएंट में भी कुछ म्यूटेशन देखे गए हैं जिससे इस वेरिएंट में उनकी भूमिका के बारे में कुछ जानकारी मिल सकती है.

वायरस
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जैसे एन501वाई कोरोना वायरस के लिए फैलना आसाना बनाता है. कुछ म्यूटेशन ऐसे होते हैं जो एंटबॉडी के लिए वायरस को पहचानना मुश्किल बना देते हैं और इससे वैक्सीन का प्रभाव कम हो जाता है. कुछ म्यूटेशन बिल्कुल अलग तरह के होते हैं.

दक्षिण अफ़्रीका में यूनिवर्सिटी ऑफ़ क्वाज़ुलु-नटाल में प्रोफ़ेसर रिचर्ड लेसल्स कहते हैं, "हमारी चिंता ये है कि इससे वायरस की एक से दूसरे व्यक्ति में फैलने की क्षमता बढ़ सकती है. ये प्रतिरक्षा प्रणाली के हिस्सों से भी बच सकता है."

वेरिएंट्स के ऐसे उदाहरण भी हैं जो कागज पर तो डरवाने लगते थे लेकिन उनका कुछ खास असर नहीं हुआ. साल की शुरुआत में बीटा वेरिएंट चिंता का कारण बना था क्योंकि ये प्रतिरक्षा तंत्र से बच निकलने में ज़्यादा माहिर था.

लेकिन बाद में डेल्टा वेरिएंट पूरी दुनिया में फैल गया और बड़ी परेशानी का कारण बना.

यूनिवर्सिटी ऑफ़ केम्ब्रिज के प्रोफ़ेसर रवि गुप्ता कहते हैं, "बीटा प्रतिरक्षा तंत्र से बच सकता था, डेल्टा वेरिएंट में संक्रामकता थी और प्रतिरक्षा तंत्र से बचने की थोड़ी क्षमता थी."

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English summary
What is known so far about the new variant of Corona Omicron
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