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अंतरिक्ष वैज्ञानिक का दावा- इंसानों को संदेश देने के लिए डरे एलियंस बदल देंगे हमारा सौरमंडल

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नई दिल्ली: ब्रह्माण्ड में कितने ग्रह हैं, इसकी गिनती आज तक नहीं हो पाई। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि अरबों-खरबों ग्रहों में से किसी ना किसी पर जीवन जरूर होगा और भविष्य में जरूरत पड़ने पर एलियंस हमसे संपर्क जरूर करेंगे। इस बीच एक विशेषज्ञ ने ऐसा दावा किया, जिसको सुनकर सबके होश उड़ गए। (तस्वीरें- नासा से साभार)

ग्रहों को करेंगे फिर से संगठित

ग्रहों को करेंगे फिर से संगठित

कार्नेगी इंस्टीट्यूशन फॉर साइंस अर्थ एंड प्लैनेट्स लेबोरेटरी के ग्रह वैज्ञानिक मैथ्यू क्लेमेंट के मुताबिक भविष्य में डरे एलियंस एस्टेरॉयड जैसी चीज को फायर करेंगे। इसका मकसद चंद्रमा और अन्य ग्रहों की कक्षा (ऑर्बिट) को रिअरेंज यानी फिर से संगठित करना होगा। वो ये कदम इंसानों को सतर्क करने के लिए उठाएंगे।

ग्रहों को सही कक्षा में करेंगे सेट

ग्रहों को सही कक्षा में करेंगे सेट

वहीं रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी की मासिक नोटिस जर्नल (पत्रिका) में हाल ही में एक पेपर छपा, जिसमें क्लेमेंट और उनके सहयोगियों ने कहा कि इस ब्रह्माण्ड में एक शक्तिशाली एलियंस सभ्यता है, जो हमारे पूरे सौरमंडल को और ज्यादा जटिल अनुपात में व्यवस्थित कर सकती है। ये सब एस्टेरॉयड के आकार की किसी चीज से किया जाएगा। उनका मानना है कि एलियंस पहले ग्रहों को सही कक्षा में करेंगे, इसके बाद वो गुरुत्वकर्षण की मदद से उनको धीरे-धीरे दूसरी कक्षा में ले जाएंगे।

प्लूटो के निर्माण के वक्त बदली कक्षा

प्लूटो के निर्माण के वक्त बदली कक्षा

क्लेमेंट के मुताबिक ये वास्तव में होगा। उन्हें पूरा विश्वास है कि जब प्लूटो जैसे ग्रह का निर्माण हुआ, तो सौरमंडल के विशाल ग्रह महत्वपूर्ण रूप से घूमे हैं। इसका साफ मतलब है कि वो अपनी सही कक्षा में नहीं हैं। गुरुत्वाकर्षण खिंचाव को लेकर पहले से ही गंभीर अटकलें हैं। इंसान खुद अपने अंतरिक्ष यान को सोलर सिस्टम से बाहर भेजने के लिए गुरुत्वकर्षण खिंचाव वाली थ्योरी का इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में एलियंस इसका उपयोग क्यों नहीं कर सकते हैं?

नई ग्रह व्यवस्था के जरिए देंगे मैसेज

नई ग्रह व्यवस्था के जरिए देंगे मैसेज

उन्होंने आगे कहा कि एस्टेरॉयड जितनी बड़ी चीज हासिल करने में तो हमको लाखों साल लग जाएंगे, लेकिन अगर कोई एडवांस सभ्यता होगी, तो शायद उसने पहले ही लाखों साल आगे का सोच रखा हो। इसके अलावा तकनीकी रूप से एलियंस सभ्यता स्थानांतरित करने के लिए पूरे ग्रह पर जोर लगाने का एक तरीका खोज सकती है। उनका मानना है कि रचनात्मक ग्रह व्यवस्था रेडियो मैसेज और सुनहरे रिकॉर्ड वाले अंतरिक्ष यान की तुलना में बहुत अधिक समय तक चलती है।

वैज्ञानिकों के हाथ लगा 'समुद्री दानव', सिर पर निकले हैं एंटिना जैसे तारवैज्ञानिकों के हाथ लगा 'समुद्री दानव', सिर पर निकले हैं एंटिना जैसे तार

'ये सब बस एक थ्योरी'

'ये सब बस एक थ्योरी'

मैथ्यू क्लेमेंट के मुताबिक कुछ टेक्नोलॉजी अपने क्रिएटर्स (रचनाकार) को भी पिछाड़ सकती हैं। अगर एलियंस सभ्यता की वजह से हमारी कक्षा बदली तो हमारे जाने के बाद भी रेडियो ब्राडकॉस्ट अंतरिक्ष में होते रहेंगे। इसके अलावा जो सेटेलाइट अभी हैं, वो भी ज्यादा वक्त तक काम करेंगे। वहीं इस पेपर पर कुछ अन्य एक्सपर्ट्स ने कहा कि ये सब कागजी थ्योरी है, कोई अभी तक नही जानता कि एलियंस हैं भी या नहीं।

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English summary
Space scientist claim - aliens will make changes in solar system
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