सिर्फ अपनी शादी के दिन नहाती हैं यहां की महिलाएं, बिना नहाए पूरी लाइफ ऐसे रखती हैं खुद की बॉडी को फ्रेश
विंधोएक, 08 जनवरी। उत्तर भारत इन दिनों शीतलहर का सामना कर रहा है, हाड़ कंपा देने वाली ठंड के चलते लोग रजाई से बाहर निकलने में भी हिचकिचा रहे हैं। ऐसी ठंड के बीच रोजाना नहाना किसी चनौती से कम नहीं है। कुछ लोग अपनी दिनचर्या को इस मौसम में भी बनाए हुए हैं तो वहीं कुछ एक दिन छोड़कर या सप्ताह में सिर्फ तीन दिन नहा रहे हैं। वैसे तो नहाने के कई फायदे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाओं का एक ऐसा कबीला भी है जहां पूरे जीवन में सिर्फ एक बार नहाने की परंपरा है। जी हां, वहां की महिलाएं अपनी पूरी जिंदगी में सिर्फ एक बार नहाती है, इसके बावजूद पुरुष उन्हें खूब पसंद करते हैं।
सिर्फ इस दिन नहाती हैं महिलाएं
हम बात कर रहे हैं दक्षिण अफ्रीका की हिंबा जनजाति की महिलाओं की, जो अपने पूरे जीवनकाल में सिर्फ एक बार नहाती हैं। अफ्रीका में कई हजारों साल पुरानी सभ्यता और रीति-रिवाजों का पालन करने वालीं जनजातियां रहती हैं, जो दुनियाभर में मशहूर हैं। इन्हीं में से एक हिंबा जनजाति है जहां कि महिलाएं अपनी अनोखी परंपरा और पहनावे को लेकर सुर्खियों में रहती हैं। इस जनजाति में करीब 20 से 50 हजास हिंसा समुदाय के लोग रहते है, जो बिल्कुल किसी परिवार की तरह साथ रहते हैं।
माना जाता है बेहद खूबसूरत
इस जनजाति की महिलाओं के बेहद खूबसूरत माना जाता है। खास बात तो यह है कि ये महिलाएं अपनी पूरी जिंदगी में सिर्फ एक बार ही नहाती हैं। ये दिन भी उस समय आता है जब उनकी शादी होती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जनजाति के हिंबा लोग खानाबदोश होते हैं, वो रेगिस्तान की कठोर जलवायु में रहने के आदि होते हैं। उनका बाहरी दुनिया से संपर्क न के बराबर है। खाने में इनके मुख्यत: दलिया होता है जो मक्के या बाजरे के आटे का बना होता है।
काम की जिम्मेदारी भी महिलाओं की
इस जनजाति में बाजरे को महांगू कहा जाता है, जो नामीबिया में आसानी से मिल जाता है। इसके अलावा किसी शादी समारोह या खुशी के मौके पर ये लोग मीट खाना पसंद करते हैं, अन्य अफ्रीका के अन्य आदिवासी समाज की तरह हिंबा के लोग भी गाय पर निर्भर हैं। समूह में किसी के घर गाय का होना सम्मान की बात माना जाता है। गाय के अलावा समुदाय के लोग बकरी और भेड़ भी पालते हैं। रोजाना गाय का दूध निकालने की जिम्मेदारी घर की महिलाओं की होती है।
आखिर रोजाना क्यों नहीं नहाती महिलाएं?
कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि हिंबा जनजाति की महिलाओं को नहाना की इजाजत नहीं होती, वहां की महिलाओं के हाथ धोने के लिए पानी का उपयोग करना मना है। महिलाएं सिर्फ एक दिन नहा सकती हैं, वो भी अपनी शादी वाले दिन। इन सब मुश्किलों के बीच खुद को साफ-सुथरा रखने के लिए हिंबा महिलाओं ने एक अनोखा तरीका निकाल लिया है, जिसके बारे में सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे।
दुर्गंध न आए इसलिए लगाती है ये जड़ी-बूटी
जनजाति की महिलाएं खुद को साफ और फ्रेश रखने के लिए एक खास तरह की जड़ी-बूटी का इस्तेमाल करती हैं। इन जड़ी-बूटियों को उबालकर उसके धुएं से अपने शरीर को तरो-ताजा रखती हैं। इससे उनके शरीर से दुर्गन्ध नहीं आती। इसके अलावा अपनी त्वचा को धूप से बचाने के लिए वो एक खास तरह के लोशन का इस्तेमाल करती हैं, जिसकी वजह से जनजाति सी सभी महिला लाल रंग की नजर आती है। यह लोशन जानवर की चर्बी और हेमाटाइट (लोहे की तरह एक खनिज तत्व) की धूल से तैयार किया जाता है।
कहलाती है 'रेड मैन'
इस लोशन से उन्हें कई फायदे मिलते हैं और कीड़े व मच्छर भी उनसे दूर रहते हैं। इन महिलाओं को बाहरी दुनिया में 'रेड मैन' के नाम से भी जाना जाता है। जनजाति की महिलाओं का पहनावा भी अजीब होता है, वह सिर्फ लुंगी पहनती हैं जबकि ऊपरी भाग खुला रहता है। हिंबा लोग काफी धार्मिक भी होते हैं, अपने ईष्ट देव 'मुकुरू' से प्रार्थना के लिए वह आग का इस्तेमाल करते हैं। बच्चों की देखभाल से लेकर अन्य सभी काम महिलाएं ही करती हैं। महिलाएं अक्सर पुरुषों की तुलना में कड़ी मेहनत करती हैं।
Hair Styles from the Himba Tribe, Nigeria. pic.twitter.com/MiVqht1anC
— Monna (@MonnaRanzoti) June 5, 2020
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