इंसानों की नहीं होगी मौत,हो जाएंगे हमेशा के लिए अमर? वैज्ञानिकों ने शोध के दौरान खोज ली है ऐसी चीज
इंसानों की नहीं होगी मौत,हो जाएंगे हमेशा के लिए अमर? वैज्ञानिकों ने शोध के दौरान खोज ली है ऐसी चीज
नई दिल्ली, 08 सितंबर। जो धरती पर आया है वो एक ना एक दिन जाएगा।यानी हर इंसान की मौत होनी निर्धारित है। हिंदू वेद पुराणों में अमर होने का जिक्र तो है लेकिन वास्तविक जीवन चक्र ये ही है कि जिसका जन्म हुआ है वो उसकी मौत भी होगी लेकिन वैज्ञानिकों ने अपने शोध में एक ऐसी चीज ढ़ूढ़ ली है जिसके बाद वैज्ञानिक उम्मीद कर रहे हैं कि इंसान अपनी मौत पर विजय हासिल कर लेगा और वो सदा के लिए अमर हो जाएगा।
इंसान सदा के लिए अमर होने की दिशा में
आपको ये बात सुनकर यकीन नहीं हो रहा होगा लेकिन स्पेन के वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक रिसर्च किया है और उसके आधार पर ये माना जा रहा है इंसान सदा के लिए अमर होने की दिशा में भी जल्द कामयाबी हासिल कर लेगा।
एक जीव जिसमें मिले अमरत्व के जीनोम
दरससल, ये शो स्पेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ओविएडो (University of Oviedo in Spain) के डिपार्टमेंट ऑफ बायोकेमिस्ट्री एंड मोलेक्यूलर बायोलॉजी डिपार्टमेंट वैज्ञानिकों ने धरती के एक ऐसे रिसर्च किया है। जिसमें अमरत्व के जीनोम पाए हैं।
जेली फिश में पाई गई दोबारा जवान होने की क्षमता
वैज्ञानिकों के अनुसार ये जीव जेलीफिश है टरीटॉप्सिस डोहरनी (Turritopsis Dohrnii) भी कहा जाता है। इसको अगर कोई नुकासान होता है तो इसके पास फिर से युवा होने की क्षमता होती है और ये जीवित रहती है।"अमर जेलिफ़िश" यौन परिपक्वता तक पहुंचने के बाद, यह जेलिफ़िश अपने किशोर अवस्था में वापस आ सकती है और फिर से परिपक्व हो सकती है।
यंग बनाने वाले डीएनए के हिस्से को अलग करने में सफल हुए वैज्ञानिक
वैज्ञानिकों द्वारा किए गया शोध "प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में पब्ल्शि हुआ है। कंपेरेटिव जीनोमिक्स ऑफ मॉर्टल एंड इम्मोर्टल निडेरियन्स अनवील्स नोवेल कीज बिहाइंड रिजुवेनेशन नाम की इस स्टडी में अपनी उम्र को कम करने वाली जेलीफिश के जीनोम को अनुक्रमित किया और उसमें से इसे दोबरा यंग बनाने वाले डीएनए के हिस्से को अलग करने में सफल हुए। जिस हिस्से के प्रयोग से जेलीफिश स्वयं को दोबारा जवान बना लेती है।
शोध मनुष्य की उम्र को बढ़ाने के तथ्य ढ़ूढ़ने से संबंधित है
यूनिवर्सिटी ऑफ ओविएडो के डॉ. कार्लोस लोपेज ओटिन के नेतृत्व में किए गए शोध में जेलिफिश के बॉयोलॉजिकल साइकल को उसके दोबारा जवान बनाने वाले रहस्य का पता लगाने और मनुष्य की उम्र को बढ़ाने के तथ्य ढ़ुढ़ने से संबंधित है। वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च में टी डोहरनी की तुलना टी रूबरा से की, जीनोम में भिन्नताएं हैं। "अमर जेलिफ़िश" में डीएनए की मरम्मत और रक्षा करने वाले जीन की मात्रा दोगुनी है लेखकों ने कई अन्य जीनों में भी अंतर पाया, जिनमें प्रतिकृति और स्टेम सेल आबादी से जुड़े लोग शामिल हैं।
ये मनुष्यों की उम्र बढ़ाने में मदद कर सकता है
न्यू साइंटिस्ट ने बताया "अमर जेलिफ़िश" में उत्परिवर्तन थे जो टेलोमेरेस, या डीएनए अनुक्रमों को संरक्षित करते हैं जो गुणसूत्र के अंत की रक्षा करते हैं और आमतौर पर उम्र के साथ कम हो जाते हैं। ये अंतर जेलिफ़िश की अमरता की कुंजी हो सकते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि उनका काम मनुष्यों के लिए स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और उम्र को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
यह बुढ़ापे की मृत्यु को रोक सकता है
एक ठेठ जेलिफ़िश की तरह टी डोहरनी एक मुक्त-तैरने वाले लार्वा के रूप में अपना जीवन शुरू करता है। कई युवा जेलीफ़िश पॉलीप से निकलती हैं और मेडुसे या वयस्कों में बदल जाती हैं। लेकिन अंतर है कि जब एक वयस्क "अमर जेलिफ़िश" क्षतिग्रस्त या तनावग्रस्त हो जाती है तो मरने के बजाय, यह अपने स्वयं के जाल को अवशोषित कर लेती है और एक बूंद बन जाता है जो समुद्र तल पर बस जाता है। अगले डेढ़ दिन में, यह बूंद एक नया पॉलीप बन जाता है, जो तब और अधिक मेडुसा बना सकता है। यह बुढ़ापे की मृत्यु को रोक सकता है।
क्या इंसान जेलीफ़िश की तरह अमरता प्राप्त करेंगे?
शोधकर्ताओं का कहना है कि खोज से इंसानों को मदद मिल सकती है। हालांकि कुछ वैज्ञानिकों का कहाना है कि यह सोचना एक गलती है कि हम इस जेलीफ़िश की तरह अमरता प्राप्त करेंगे, क्योंकि हम जेलीफ़िश नहीं हैं। हालांकि, लेखकों को उम्मीद है कि उनका शोध "उम्र बढ़ने से जुड़ी कई बीमारियों के बेहतर जवाब खोजने में मदद कर सकता है।