डिलिवरी में लगाए गए एक दर्जन डॉक्टर, तब जाकर आई ये काली 'गुड न्यूज'
17 साल की कीरा पहली बार मां बनी थी। गुरूवार को उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। चिड़ियाघर के अधिकारियों को उम्मीद थी कि शुक्रवार तक कीरा बच्चे को जन्म दे देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ
नई दिल्ली। मां बनना दुनिया का सबसे बेहतरीन सुख होता है, लेकिन बच्चे को जन्म देते वक्त एक मां को असीम पीड़ा से गुजरना पड़ता है। फिर चाहे वो मां इंसान की हो या जनवर की। प्रसव पीड़ा इंसान और जानवर दोनों को झेलना होता है।
ऐसी ही कुछ फिलाडेल्फिया के चिड़ियाघर में हुआ, जहां गोरिल्ला के प्रसव के लिए चिड़ियाघर को डॉक्टर्स की टीम बुलानी पड़ी। 17 साल की कीरा पहली बार मां बनी थी। गुरूवार को उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। चिड़ियाघर के अधिकारियों को उम्मीद थी कि शुक्रवार तक कीरा बच्चे को जन्म दे देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और शुक्रवार को उसकी पीड़ा काफी बढ़ चुकी थी। जिसके बाद चिड़ियाघर के अधिकारियों ने वैटरनिटी डॉक्टर्स की टीम बुलाई। टीम में यूनिवर्सिटी ऑफ फिलाडेल्फिया से मान्यता प्राप्त डॉक्टर्स मौजूद थे। इस टीम में सर्जन से लेकर बेहोशी वाले डॉक्टर्स शामिल थे।
डॉक्टर्स
की
इस
टीम
ने
कीरा
का
ट्रीटमेंट
शुरू
किया
और
डेढ़
तक
चले
ऑपरेशन
के
बाद
खुशखबरी
सामने
आई।
कीरा
ने
नर
गोरिल्ला
को
जन्म
दिया।
बेबी
गोरिल्ला
को
देखकर
हर
कोई
उस
परेशानी
और
दर्द
को
भूल
गया
जो
उसके
जन्म
से
पहले
हुई
थी।
बच्चे
के
जन्म
के
एक
दिन
बार
शनिवार
को
कीरा
को
उसके
बच्चे
से
मिलवाया
गया।
फिलाडेल्फिया
के
इस
चिड़ियाघर
के
मुख्य
अधिकारी
एंडी
बाकर
ने
कहा
कि
एक
साल
पहले
भी
ऐसा
ही
मामला
सामने
आया
था,
जब
उन्हें
डिलिवरी
करवाने
के
लिए
डॉक्टर्स
की
टीम
बुलानी
पड़ी
थी।
इस
बार
भी
उन्होंने
उन्हीं
डॉक्टर्स
को
बुलाया
जिन्होंने
एक
साल
पहले
भी
गोरिल्ला
की
डिलिवरी
करवाई।
हलांकि
बच्चे
के
आने
के
बाद
चिड़ियाघर
का
माहौल
खुशनुमा
हो
गया
है।
कीरा
अपने
बच्चे
से
मिलकर
खुश
है।