बिहार: खौफनाक चेहरे के साथ जी रहा है ये लड़का, देखकर हर कोई फेर लेता है मुंह
बिहार के इस लड़के का चेहरा इतना डरावना है कि उसे देखकर हर कोई भाग खड़ा होता है। लोग इसके पीछे बुरी आत्माओं को वजह मान रहे हैं।
पटना। बच्चा जब पैदा होता है तो उसके माता-पिता उसके लिए हजारों सपने संजो लेते हैं। बच्चे के लिए उनकी कई ख्वाहिशें होती है, लेकिन कई बार उनके सपने डरावनी हकीकत में बदल जाते हैं। बिहार के नवादा के रहने वाले मिथुन चौहान के माता-पिता के साथ ऐसी ही कुछ बीत रहा है। जिस बेटे के लिए उन्होंने मन्नतें मांगी थी आज उसके दर्द को देखकर उनका कलेजा कांप रहा है। लोग उनके बेटे को भुतहा लड़का कहकर बुलाते हैं। उसे देखकर हर कोई मुंह फेर लेता है। बच्चे डरकर भाग खड़े होते है। लोग अपने बच्चों को उसके साथ खेलने तक नहीं देते है, जिसकी वजह से उसे पूरे दिन घर में बंद रहना पड़ता है।
बिहार का भूतहा लड़का
दरअसल मिथुन चौहान एक गंभीर बीमारी से जूझ रहा है, जिसकी वजह से उसके पूरे शरीर से ट्यूमर निकल आए हैं। उसका पूरा चेहरा बड़े-बड़े गांठों से भरा हुआ है। इन गांठों की वजह से वो न तो ठीक से देख पाता है और ना ही ठीक से खा-पी पाता है।
डरावना हो गया है चेहरा
इन ट्यूमर की वजह से उसका चेहरा बेहद भयानक हो गया है। आंखें भी मुश्किल से दिख पा रही है। मिथुन की ऐसी हालत देखकर कोई भी डर जाता है। इस डरावने चेहरे के कारण मिथुन स्कूल भी नहीं जाता है। लोग उसे पापी समझते हैं। इस बीमारी को उसका अभिशाप मानते हैं।
घर में बंद रहता है मिथुन
बिहार
के
नवादा
का
रहने
वाला
मिथुन
इस
बीमारी
के
चलते
पूरे
दिन
घर
पर
ही
रहता
है।
लोगों
का
मानना
है
कि
उसके
पीछे
बुरी
आत्मा
पड़
गई
है
जिसकी
वजह
से
उसके
चेहरे
पर
बड़ी-बड़ी
दर्दभरी
गांठें
उभर
आई
हैं,
इसलिए
लोग
अपने
बच्चों
को
उससे
दूर
रखते
हैं।
जैनेटिक बीमारी
डॉक्टरों
के
मुताबिक
मिथुन
को
'न्यूरोफाइब्रोमा'
नाम
की
बीमारी
है।
इस
बीमारी
में
मरीज
के
शरीर
पर
कई
ट्यूमर
निकल
आते
हैं।
ये
ट्यूमर
शरीर
की
नसों
से
जुड़
जाते
हैं,
जिसकी
वजह
से
उनका
इलाज
मुश्किल
होता
है।
इनका
ऑपरेशन
भी
नहीं
किया
जा
सकता
क्योंकि
ऐसा
करने
पर
बॉडी
से
खून
बहने
का
खतरा
रहता
है।
खर्चीला इलाज
इस
बीमारी
में
मिथुन
के
शरीर
पर
गांठें
निकल
गई
है।
जो
उसके
शरीर
की
नसों
के
साथ
बढ़ता
जा
रहा
है।
मेडिकल
साइंस
के
मुताबिक
33,000
में
से
एक
व्यक्ति
को
ये
बीमारी
होती
है।
इस
जैनेटिक
बीमारी
के
इलाज
में
3
से
4
लाख
तक
का
खर्चा
आता
है।
जबकि
मिथुन
के
पिता
इसके
लिए
सक्षम
नहीं
है।
गांव वालों ने चंदा जमा कर करवाया ऑपरेशन
मिथुन के इलाज के लिए गांववालों ने चंदा जमाकर उसका ऑपरेसन करवाया है। जिसके बाद डॉक्टरों ने मिथुन की सर्जरी की। जिसके बाद से उसकी हालत में सुथार हुआ है। अब वो खेल सकता है और अच्छी तरह देख सकता है।