छत्तीसगढ़ सरकार को हाईकोर्ट से राहत,प्रदेश में डॉक्टरों की भर्ती का रास्ता हुआ साफ
Relief to the Chhattisgarh government from the HighCourt, clear the way for the recruitment of doctors in the state
बिलासपुर,23 फरवरी। छत्तीसगढ़ में डाक्टरों की भर्ती को चुनौती देने संबंधी एक याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।इतना ही नहीं अदालत ने इस मामले में याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपये कास्ट भी लगा दिया है। बिलासपुर हाईकोर्ट के इस आदेश से अस्पतालों में डॉक्टरों के खाली पड़े 446 पदों को भरे जाने का रास्ता साफ हो चुका है। गौरतलब है कि भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में 446 चिकित्सा अधिकारियों के पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था।
सरकार ने पदों पर भर्ती के लिए एमबीबीएस होना अनिवार्य रखा था,लेकिन याचिकाकर्ता डा. कमल सिंह राजपूत ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके बताया कि बिना लिखित परीक्षा लिए ,केवल इंटरव्यू के आधार पर डॉक्टरों की भर्ती किया जाना सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है। इस मामले सुनवाई करते हुए पहले तो हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर पर रोक लगा दी थी,इसी वजह से पूरे छत्तीसगढ़ में में डाक्टरों की भर्ती प्रक्रिया थम गई थी ,लेकिन प्रकरण में अंतिम सुनवाई के बाद जस्टिस संजय के अग्रवाल की एकल पीठ के सामने छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से तर्क पेश करते हुए कहा गया कि नियम के मुताबिक सीधे साक्षात्कार के आधार पर नियुक्ति करने का प्रावधान है,इस समय छत्तीसगढ़ में डाक्टरों की काफी जरूरत है।
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सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शी बनाने के लिए शैक्षणिक योग्यता, अनुभव समेत अन्य मेडिकल कार्य के अनुभव पर अलग-अलग नंबर रखें है। सरकार की तरफ से पक्ष रखा गया कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा अधिकारियों की सख्त जरूरत है। छत्तीसगढ़ शासन ने कोरोनाकाल के दौरान गांवो में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए कराने चिकित्सकों की भर्ती का फैसला लिया था, शुरू में भूलवश में शासन से गलती हुई थी, जिसे बाद में सुधारकर दूसरा भर्ती विज्ञापन निकाला किया गया था । सरकार के इस इस जवाब से संतुष्ट होकर अदालत ने डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया से रोक हटा दी है।