विराट रामायण मंदिर:दुनिया के सबसे ऊंचे मंदिर का निर्माण, मुस्लिम परिवार ने करोड़ों की जमीन दी दान,जानिए सबकुछ
मोतिहारी (बिहार), 21 मार्च: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में दुनिया के सबसे बड़े मंदिरों में से एक और विश्व के सबसे ऊंचे मंदिर के निर्माण के लिए एक मुस्लिम परिवार ने करोड़ों रुपये की अपनी पुश्तैनी जमीन दान में दे दी है। यह परिवार पहले भी इस प्रोजेक्ट के लिए काफी किफायती कीमत पर जमीन दे चुका है। 'विराट रामायण मंदिर' निर्माण से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर मुस्लिम परिवार की मदद नहीं मिलती तो इस विशाल प्रोजेक्ट को पूरा करना बहुत मुश्किल हो जाता। आइए इस दिव्य और भव्य प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं, जो अयोध्या-जनकपुर (नेपाल) के बीच बन रही राम-जानकी सड़क के पास स्थित है।
'मंदिर निर्माण के लिए कुछ करना मेरी जिम्मेदारी है'
बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में बन रहे दुनिया के सबसे बड़े मंदिरों में से एक 'विराट रामायण मंदिर' के निर्माण के लिए एक मुस्लिम परिवार ने 2.5 करोड़ रुपये की जमीन दान में दे दी है। विशाल ही नहीं, यह मंदिर दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर होगा। विराट रामायण मंदिर का निर्माण पूर्वी चंपारण के कथवलिया इलाके में किया जा रहा है। इश्तियाक अहमद खान नाम के एक बिजनेसमैन ने इस विशाल मंदिर के निर्माण के लिए अपने परिवार की एक एकड़ से ज्यादा जमीन दान में दी है। उन्होंने कहा है, '(गांव में)अधिकतर जमीन हमारे परिवार की ही है। मैं समझता हूं कि मंदिर निर्माण के लिए कुछ करना मेरी जिम्मेदारी है। यह हमारे परिवार की परंपरा है।'
गुवाहाटी में कारोबार करते हैं इश्तियाक अहमद
खान के परिवार वालों ने पूर्वी चंपारण जिले के केशरिया सब-डिविजन के रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर 23 कट्ठा जमीन मंदिर को दान कर दी है, जिसका मौजूदा बाजार मूल्य 2.5 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। इसके बारे में पटना स्थित महावीर मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख और पूर्व आईपीएस आचार्य किशोर कुणाल ने कहा है कि विराट रामाण मंदिर के लिए जमीन दान देने वाले इश्तियाक अहमद मोतिहारी के रहने वाले हैं, जिनका कारोबार गुवाहाटी में है। गौरतलब है कि महावीर मंदिर ट्रस्ट ही इस मंदिर का भी निर्माण कराएगा। आचार्य कुणाल ने कहा, 'पहले भी खान और उनका परिवार मंदिर प्रोजेक्ट की खुलकर मदद करता रहा है। मेन रोड पर भी खान ने सस्ती दर पर जमीन दी है। उनसे प्रेरित होकर दूसरे गांव वालों ने भी जमीन देनी शुरू की है।'
125 एकड़ में बनेगा 'विराट रामायण मंदिर'
किशोर कुणाल के मुताबिक मुसलमानों की मदद के बिना इस ड्रीम प्रोजेक्ट को साकार कर पाना मुश्किल था। उन्होंने कहा है कि 'अबतक विराट रामायण मंदिर के लिए 100 एकड़ जमीन जुटा ली गई गई है।' उनका कहना है कि यह विशाल रामायण मंदिर कुल 125 एकड़ जमीन पर बनेगा, जो कि दुनिया के सबसे बड़े और ऊंचे मंदिरों में से एक होगा। उन्होंने कहा है कि 'विराट रामायण मंदिर के ढांचे को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि यह 250 वर्षों से ज्यादा साल तक मजबूती के साथ खड़ा रहे। इसके लिए नई संसद भवन के निर्माण में लगे टेक्निकल एक्सपर्ट और कुशल कारीगरों की भी सेवाएं ली जाएंगी।'
दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर होगा 'विराट रामायण मंदिर'
आचार्य कुणाल ने विराट रामायण मंदिर के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा है कि यह 270 फीट ऊंचा होगा जो कि दुनिया में सबसे अधिक है। जबकि, यह 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा। उनके अनुसार, 'विराट मंदिर परिसर के तीन तरफ सड़कें होंगी। अयोध्या से जनकपुर तक बन रही राम-जानकी रोड इसी इलाके से होकर गुजरेगी। केसरिया बौद्ध स्तूप भी इसी रोड पर पड़ता है।' उन्होंने कहा है जिस मंदिर का निर्माण होने वाला है, वह देवकी नदी के किनारे होगा, जिसके बारे में मान्यता है कि जनकपुर से अयोध्या लौटते वक्त भगवान राम वहां ठहरे थे।
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राष्ट्रपति को भेंट किया गया था मॉडल
पिछले साल 22 अक्टूबर को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद बिहार के दौरे पर गए थे। इस दौरान पटना स्थिति प्रसिद्ध महावीर मंदिर में उन्हें चेन्नई के एक कलाकार की बनाई गई सजावटी कलाकृति भेंट की गई थी, जो कि 'विराट रामायण मंदिर' का ही मॉडल था।