10 लाख नौकरी दूंगा, वेतन के लिए चाहे सीएम, मंत्री, विधायकों की सैलरी काटनी पड़े: तेजस्वी
पटना। राजद नेता और इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री बनने की रेस में शामिल तेजस्वी यादव ने 10 लाख नौकरी देने के ऐलान के साथ एक और बड़ी घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा कि दस लाख लोगों को वो नौकरी जरूर देंगे चाहे वेतन के लिए मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक की सैलरी में कटौती ही क्यों न करनी पड़े। तेजस्वी यादव हर चुनावी रैली में महागठबंधन की सरकार बनने पर पहले फैसले के तौर पर दस लाख नौकरी देने के वादे को दोहराते हैं और सीएम नीतीश कुमार पर वार करते हैं। नीतीश समेत एनडीए के अन्य नेता भी उनके इस रोजगार कार्ड पर रैलियों में हमला बोलते दिख रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक रैली में तेजस्वी यादव से यह भी पूछ दिया था कि दस लाख लोगों को वेतन कहां दोगे, क्या चारा घोटाले में कमाए गए धन से दोगे?
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रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के दस लाख नौकरी के वादे की आलोचना करते हुए कहा था कि अगर ऐसा किया गया तो प्रदेश के राजकोष पर 1.44 लाख करोड़ का वार्षिक भार पड़ेगा। नीतीश ने कहा कि क्या चुनावी वादे पर करोड़ों रुपए वेतन में देने के लिए बिहार के विकास को रोक दिया जाएगा? लालू यादव के शासनकाल की याद दिलाते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि 2005 में विकास यात्रा के दौरान कई शिक्षकों और प्राध्यापकों ने उनको कहा था कि समय से उनको सैलरी नहीं मिलती थी, जिसको उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद ठीक किया। कहा कि कहां से नौकरी देंगे, भर्ती के लिए पद कहां से लाएंगे और वेतन देने के लिए पैसा कहां है?
इसका जवाब देते हुए तेजस्वी ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों की सैलरी में उनको कटौती करनी पड़ी तो वो भी करेंगे लेकिन दस लाख लोगों को नौकरी देंगे। तेजस्वी ने इससे पहले नीतीश कुमार के सवालों पर एक रैली में कहा था कि बिहार के पास 2.13 लाख करोड़ का बजट है लेकिन नीतीश सरकार सिर्फ 60 प्रतिशत खर्च कर पाई, 80 हजार करोड़ का बजट बचा ही रह गया।
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