बागी हुए शरद यादव, नीतीश की चेतावनी को दरकिनार कर शामिल होंगे लालू की रैली में
पटना। शरद यादव ने बीजेपी और जेडीयू के पुनर्गठबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नीतीश कुमार की चेतावनी के बावजूद शरद यादव ने फैसला कर लिया है कि वह लालू प्रसाद यादव की रैली में जाएंगे। बता दें कि शरद यादव नीतीश कुमार से नाराज हैं क्योंकि उन्होंने लालू का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के समर्थन से सरकार बना ली। रविवार को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बीजपी और नीतीश कुमार के विरोध में 'बीजेपी भगाओ, देश बचाओ' नाम से एक महारैली रखी है। जो कि इस रविवार (27 अगस्त) को होनी है।
नीतीश की चेतावनी के बावजूद शरद यादव ने छेड़े बगावती सुर
शरद यादव के पार्टी विरोधी गतिविधि पर नीतीश ने शरद यादव से कहा था कि अगर वे रैली में शामिल हुए तो उनके खिलाफ एक्शन लेते हुए पार्टी से निलंबित किया जा सकता है। साथ ही उन्हें राज्य सभा की सदस्यता से भी हाथ धोना पड़ सकता है। लेकिन इस चेतावनी का शरद पर कोई असर नहीं पड़ा है। वह रैली में जाने का अपना मन बना चुके हैं। और वह अब अपना फैसला नहीं बदलने वाले। शरद ने कहा कि महागठबंधन की ताकत दिखाने के लिए रैली में जाना जरूरी है।
स्वीकार किया लालू का निमंत्रण
इसके साथ ही शरद यादव ने कहा कि उन्होंने लालू प्रसाद यादव द्वारा भेजा गया रैली का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है और विपक्ष एंटी-बीजेपी गठबंधन को नेशनल लेवल पर ले जाने के लिए काम कर रहा है। नीतीश कुमार के लालू का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के समर्थन से सरकार बना लेने के बाद से ही शरद यादव नीतीश से नाराज चल रहे है और अब उन्होंने बीजेपी और नीतीश के खिलाफ खुले तौर पर मोर्चा खोल दिया है।
पार्टी व चुनाव चिन्ह पर भी ठोकेंगे दावा
खबर के मुताबिक, वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल चुनाव आयोग में एक याचिका भी डालने वाले हैं। यह याचिका जदयू के चुनाव चिन्ह के लिए होगी। शरद यादव दावा करेंगे कि जदयू पार्टी की स्थापना उन्होंने ने ही की थी। नीतीश की चेतावनी पर भी शरद ने अपने दिल की बात कही।