बिहार पुलिस के कांस्टेबल का छठ पूजा पर घर न जाने का छलका दर्द, वीडियो हुआ वायरल
लोग शांति से परिवार के साथ त्योहार मना सकें सिर्फ इसीलिए पुलिस छुट्टी पर नहीं जाती। परिवार से दूर रहकर जनता की सेवा में पूरे समय तैनात रहती है। आज तक जनता ने कभी इनके बारे में नहीं सोचा। त्योहार के दौरान आज भी पुलिस सुरक्षा में ही तैनात नजर आती है। ऐसे कई पुलिस अधिकारी और कर्मचारी हैं जिन्होंने वर्षों से अपने परिवार के साथ त्यौहार नहीं मनाया है। आज हम बात कर रहे हैं बिहार पुलिस के एक ऐसे ही कॉन्स्टेबल की जिनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में सिपाही की छठ पूजा के पर्व पर अपने घर न जाने की पीड़ा को देख लोग भावुक हो रहे हैं और वीडियो को जमकर शेयर भी कर रहे हैं।

"आप लोग छठ पूजा करो मैं नहीं आ पाऊंगा"
बता दें की यह वीडियो बिहार पुलिस के एक कॉन्स्टेबल का है। कॉन्स्टेबल का नाम अजय कुमार सिंह है जो किशनगंज के एसपी ऑफिस में कार्यरत है। वह भागलपुर के कहलगांव थाना क्षेत्र के रानीपुर के रहने वाले हैं। इस बार कांस्टेबल अजय कुमार सिंह ड्यूटी के चलते छठ पूजा के लिए अपने घर नहीं जा पाए। घर न जा पाने के दर्द को अजय ने एक वीडियो के सहारे सबके सामने लाने की सोची हुए यह वीडियो बनाया। परिवार संग छठ पर्व में शामिल ना होने का दर्द इस वीडियो में साफ झलक रहा है। अपनी मां के साथ मोबाइल फोन पर बात कर रहे कॉन्स्टेबल कहते हैं कि "छठ पर्व में अपनी ड्यूटी लग जाने के कारण घर नहीं आ पाउँगा, आप लोग छठ पूजा करो मैं नहीं आ पाऊंगा" और फिर बात करते करते वह फूट-फूटकर रो पड़ता है।

कोई भी छुट्टी अपना असर नहीं डाल पाती
उन्होंने यह सन्देश भी दिया कि "चाहें पुलिस वाले हो या सरहद पर डटे सेना के जवान पर्व और त्योहारों में वे अपने घर नहीं जा पाते हैं क्योंकि यह कर्तव्य सर्वोपरि है। " अब हमारा भी फ़र्ज़ बनता है की हम इनकी भावनाओ की कदर करें। साल के 365 दिन और दिन के 24 घंटे खुले रहने वाले पुलिस थाना की कार्यप्रणाली पर कोई भी छुट्टी अपना असर नहीं डाल पाती। मैदान में तैनात पुलिसकर्मियों को हर समय निरंतर सेवा के मंत्र पर काम करना पड़ता है। किसी भी अवकाश या फिर त्योहार का कोई मतलब नहीं रहता। होली-दीपावली हो या छठ पूजा, हर एक पर्व पर भी उन्हें सामान्य से ज्यादा मुस्तैद रहना पड़ता है। बात अगर सेना की करें तो दो तिहाई सेना हमेशा ऐसी जगहों पर तैनात रहती है जहाँ परिवार के साथ नहीं रहा जा सकता, ऐसे में कई बार सेना के जवान घर से दूर अपना त्यौहार मानते हैं।

क्यों नहीं मिलती छुट्टी
सभी लोग जब त्योहार मनाते हैं तब पुलिस सडक़ों और बाजार में सुरक्षा के लिए तैनात रहती है। यह सिलसिला वर्षों से चला आ रहा है। ऐसा इसलिए जरूरी भी हो जाता है क्यूंकि पर्व पर बाजारों में भीड़ रहती है। बाजारों में अधिकांश तौर पर महिलाएं खरीदारी करने के लिए आती हैं। इस दौरान उनके साथ छेड़छाड़ या अन्य कोई घटना न हो, इसके लिए सादा कपड़ों में महिला पुलिस को बाजारों में लगाया जाता है। सादा कपड़ों में पुलिसकर्मी भी तैनात किए जाते हैं ताकि कोई शरारती तत्व पर्स छीनने या कोई और गलत हरकत न कर बैठे। चौराहों पर भी पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है। पुलिसकर्मी संदिग्ध युवकों पर निगाह रखते है जिससे कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना न होने पाए। ऐसे बड़े त्योहारों पर व्यवसाय काफी बढ़ जाता है और जिसके साथ बढ़ता है पैसे का लेन-देन। ऐसे लूट-खसोट और डकैती की संभावनाए भी बढ़ जाती हैं। ऐसे में पुलिस को बेहद ही मुस्तैद और चौकन्ना रहना पड़ता है।
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