तस्वीरों में देखिए 125 फीट गहरे बोरवेल से कैसे बाहर निकाली गई 3 साल की सना
मुंगेर। बिहार के मुंगेर जिले में मंगलवार की देर शाम को 3 साल की मासूम बच्ची सना खेलते-खेलते 125 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी। बुधवार की रात उसे बाहर निकाला जा सका। ये रेस्क्यू आपरेशन 24 घंटे से अधिक समय तक चला। सेना और एनडीआरएफ की टीम ने अथक प्रयासों के बाद बच्ची को बाहर निकाल लिया। ये तस्वीरें उन मैराथन रेस्कयू आपरेशन की झलक देती हैं। जो इशारा करती हैं कि कितना कठिन था उस बच्ची को बोरवेल से बाहर निकालना।
खेलते-खेलते बोरवेल में गिरी सना
3 साल की सना अपने पापा के साथ ही दो दिन पहले नाना उमेश नंदन साह के घर आई थी। ननिहाल में ही पड़ोसी उदय शंकर प्रसाद के घर हो रहे बोरिंग के लिए खोद गए बोरवेल में मंगलवार की शाम को खेलते-खेलते गिर गई।
बाहर निकालने के लिए मगाई गई जेसीबी
सना को बाहर निकालने के लिए कई बार बोरिंग के भीतर रस्सी डाली गई, लेकिन रस्सी पकड़ने पर जब सना को ऊपर की ओर खींचा जाता था तो वह कुछ ही दूर पर आकर फंस जाती थी और रस्सी से उसका हाथ से छूट जाती थी। जब सभी लोग थक हार गए तब बगल से गड्ढ़ा खोदकर बच्ची को बाहर निकालने के लिए जेसीबी मंगाई गई।
पाइप के जरिए अंदर भेजी गई ऑक्सीजन
एसडीआरएफ के संजीव कुमार ने बताया, 'बच्ची तक ऑक्सिजन पहुंचाई गई है। हम बच्ची की सुरक्षा के सारे इंतजाम कर रहे हैं। बच्ची और नीचे न गिरे इसके लिए हमने लोहे का रॉड डाला है।
मां का था बुरा हाल
जब बच्ची के रोने की आवाज आने लगी, तब उसकी मां सुधा देवी ने बोरवेल में झांकते हुए जोर से आवाज लगायी कि बेटा मैं भी अंदर में ही हूं, तुमको जल्दी ही बाहर निकाल लेंगे। जब भी बच्ची के रोने की आवाज आती थी, तब उसकी मां उसे यही सांत्वाना देती रही। हर आधे घंटे, एक घंटे पर बच्ची की आवाज सुनाई दे रही थी और उसकी मां उसे बार-बार दिलासा दे रही थी। साथ ही उसे खाने के लिए भी चीजें दी जा रही थीं। हादसे के बाद सना की मां का रो-रोकर बुरा हाल था।
लोगों ने सलामती की मांगी दुआ
सना की जिंदगी बचाने के लिए उसके स्कूल नोट्रेडेम एकेडमी के विद्यार्थी दुआएं कर रहे हैं। उसके लिए मुंगेर ही नहीं पूरे देश में दुआएं कर जा रहीं हैं। पटना में बच्ची की सलामती के लिए हवन-पूजा की जा रही है। पटना के डीएवी पब्लिक स्कूल के बच्चों ने भी बच्ची की सलामती के लिए गायत्री मंत्र का पाठ किया।
कैमरे के जरिए रखी नजर
डीआईजी जितेंद्र मिश्रा ने बताया कि टीम ने 40 फी गड्ढा खोदा और प्रशासन ने बच्ची को बचाने के लिए तेजी से काम किया। डीएम आनंद शर्मा ने कहा, अभी बच्ची की हालत ठीक है, हमें उम्मीद थी कि उस बचाने में हम जरूर कामयाब होंगे। वह बोल भी रही थी और सीसीटीवी के जरिये उस पर नजर रख रहे थे।
खोदा गया 40 फीट का गड्ढा
सेना के जवान और एनडीआरएफ की टीमों ने तेज के साथ काम किया। सना को बचाने के लिए बोरवेल के समांतर टीम ने 40 फी गड्ढा खोद गया। गड्ढा से सुरंग बनाकर बच्ची को निकाला गया।
सना के सकुशल रेस्क्यू पर मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने खुशी व्यक्त की
सना के सकुशल रेस्क्यू पर मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने खुशी एवं संतोष व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही परिजनों एवं बचाव दल के तमाम सदस्यों को भी बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने बचाव में लगे आपदा प्रबंधन विभाग एनडीआरएफ एसडीआरएस एवं जिला प्रशासन की टीम को धन्यवाद देते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बाद भी सना का कुशल रेस्क्यू बेहतर टीम का परिणाम है।