कैद में भगवान, कोर्ट में मामला, कष्ट में लोग...
जिसके बाद ग्रामीणों ने भगवान की मूर्ति को मंदिर में स्थापित करने की बात कही लेकिन पुलिस वाले उन्हें आजाद करने को तैयार नहीं हुए। जिसे देखते हुए काफी बवाल हुआ पर अब तक भगवान थाने में कैद हैं।
पटना। भगवान राम, सीता और हनुमान पिछले 6 महीने से पुलिस की गिरफ्त में कैद हैं और उन्हें आजाद कराने के लिए गांव वाले कोर्ट, कानून और आला अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। फिर भी भगवान को आजादी नहीं मिल पा रही है। अब आप सोच रहे होंगे कि भगवान ने ऐसा कौन सा जुल्म किया था जिससे उन्हें कैद होना पड़ा। तो हम आपको बता दें कि ये भगवान की गलती नहीं बल्कि चोरों की करतूत है।
जिसकी वजह से आज पिछले 6 महीने से सीता, राम और हनुमान तीनों पुलिस के चंगुल में कैद हैं। उन्हें छुड़ाने के लिए गांव वाले दिन-रात एक किए हुए हैं लेकिन उन्हें आजादी नहीं मिल रही है। जिसको लेकर गांव वालों में काफी आक्रोश और पुलिस वालों के खिलाफ नाराजगी देखने को मिल रही है। इसी को देखते हुए गांव के कुछ लोगों ने जिले के SP से मुलाकात कर थाने में कैद भगवान को मुक्त करने की बात कही है लेकिन एसपी भी उन्हें आजाद करने को तैयार नहीं है। सभी अधिकारी कोर्ट का मामला बताकर लोगों को लौटा देते हैं।
जानकारी के मुताबिक मामला बिहार के पूर्णिया जिले का है जहां टीकापट्टी थाना क्षेत्र स्थित प्राचीन काल की ठाकुरबारी मंदिर से लाखों रुपए की अष्टधातु भगवान राम सीता और हनुमान की मूर्ति चोरों द्वारा चुरा ली गई थी। मूर्ति चोरी होने के बाद मामले की जानकारी नजदीकी थाने को दी गई और मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू कर दिया गया। इसी दौरान सिलीगुड़ी से तीनों मूर्तियों को बरामद कर लिया गया और थाने में रख दिया गया। जिसके बाद ग्रामीणों ने भगवान की मूर्ति को मंदिर में स्थापित करने की बात कही लेकिन पुलिस वाले उन्हें आजाद करने को तैयार नहीं हुए। जिसे देखते हुए काफी बवाल हुआ पर अब तक भगवान थाने में कैद हैं।
इसी को लेकर गांव वालों ने जिले के SP निशांत तिवारी से मुलाकात करते हुए भगवान को आजाद कराने की बात कही। गांव वालों की बात सुनने के बाद एसपी ने मामले को गंभीरता से लिया लेकिन भगवान को आजाद कराने के लिए कोर्ट का मामला बताते हुए कहा गया कि मूर्ति चोरी के संबंध में फिलहाल अनुसंधान चल रहा है। इस दौरान सभी मूर्तियां कोर्ट की संपत्ति है और जब तक कोर्ट का आदेश नहीं देता उन्हें आजाद नहीं किया जाएगा। हालांकि गांव वालों को ये आश्वासन दिया है कि इस संबंध में कोर्ट से अनुरोध करते हुए जल्द भगवान को मुक्त कराया जाएगा और उन्हें पुनः मंदिर में स्थापित किया जाएगा।
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