अब ट्रेन से नेपाल जा सकेंगे बिहारवासी, जानिए कब से होगी सेवा बहाल ?
बिहारवासियों को जल्द ही ट्रेन से नेपाल तक सफ़र करने की सुविधा मिल सकती है। बिहार से नेपाल तक रेल सेवा शुरू करने के लिए जल्द भारतीय और नेपाल रेलवे मिलकर ट्रेन सुविधा बहाल करने की योजना बना रही है।
पटना, 30 मार्च 2022। बिहारवासियों को जल्द ही ट्रेन से नेपाल तक सफ़र करने की सुविधा मिल सकती है। बिहार से नेपाल तक रेल सेवा शुरू करने के लिए जल्द भारतीय और नेपाल रेलवे मिलकर ट्रेन सुविधा बहाल करने की योजना बना रही है। ख़बर आ रही है कि अप्रैल के पहले सप्ताह में जयनगर से जनकपुर, कुर्था (नेपाल) तक सवारी गाड़ी का परिचालन हो सकता है। दो अप्रैल से गाड़ी का परिचालन शुरू करने के लिए नेपाल रेलवे ने भारत सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। रवि सहाय (सहायक प्रबंधक, इरकॉन) ने बताया कि भारत सरकार को नेपाल रेलवे की तरफ़ से प्रस्ताव भेजकर ट्रेन परिचालन को शुरू करवाने की बात कही गई है। बिहार के लोगों में ट्रेन परिचालन की खबर से काफ़ी उत्साह देखने को मिल रहा है, उनका कहना है कि ट्रेन सेवा बहाल हो जाने से काफ़ी सुविधा होगी।
बिहार और नेपाल के बीच ट्रेन सेवा
बिहार और नेपाल के बीच ट्रेन सेवा शुरू होने एनएफ रेलवे कटिहार मंडल के डीआरएम कर्नल एसके चौधरी ने रेलखंडों निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों के साथ फारबिसगंज-सहरसा निर्माणाधीन रेलखंड और बथनाहा-विराटनगर इंडो नेपाल निर्माणाधीन रेलखंड के निरीक्षण बाद उन्होंने कहा कि जुलाई में ट्रेन का पूरी तरह से परिचालन की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि फारबिसगंज-सहरसा रेल लाइन सहित इंडो-नेपाल रेल प्रोजेक्ट के तहत बथनाहा से विराटनगर तक ट्रेनें चल सकती हैं। कर्नल एसके चौधरी ने कहा कि बथनाहा से नेपाल कस्टम यार्ड तक रेल लाइन बनकर तैयार है। बथनाहा से नेपाल स्थित कस्टम यार्ड तक जुलाई से ट्रेनें को चलाई जा सकती हैं।
नेपाल के पीएम 1 अप्रैल को आ रहे हैं दिल्ली
नेपाल संसद ने 22 मार्च को रेलवे एक्ट पास कर दिया है, ताकि गाड़ियों का परिचालन जल्द से जल्द शुरु करवाई जा सके। मिली जानकारी के मुताबिक नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा 1 अप्रैल को तीन दिवसीय दौरे पर दिल्ली आ रहे हैं। दिल्ली से भारत और नेपाल के प्रधानमंत्री दो अप्रैल को हरी झंडी दिखाकर ट्रेन परिचालन की शुरुआत कर सकते हैं। ग़ौरतलब है कि इस रूट से पहले नैरोगेज पटरी पर सवारी गाड़ी का परिचालन हुआ करता था। साल 2014 में भारत सरकार के अमान परिवर्तन की वजह से इस रेलखंडों पर मेगा ब्लॉक कर भारतीय कंपनी इरकॉन को काम सौंपा गया था। पिछले आठ सालों से परिचालन इस वजह से ही बंद था।
सफलतापूर्वक हो चुका है ट्रायल रन
नेपाल और भारत के बीच ट्रेन परिचालन को लेकर ट्रायल रन भी सफलतापूर्वक किया जा चुका है। कोंकण रेलवे और कर्मी नेपाल रेलवे के अधिकारी और कर्मचारियों ने 15 दिनों से ज्यादा ट्रायल रन कर चुके हैं। अभी फिलहाल नेपाल रेलवे कर्मियों को सभी तकनीकी जानकारी दी रही है। आपको बता दें कि नेपाल रेलवे की तरफ़ से स्टेशनों और हॉल्टों पर कर्मियों की नियुक्ति और ट्रांसफर शुरू किया जा चुका है। जयनगर-कुर्था रेलखंड के स्टेशनों और हॉल्टों पर सौंदर्यीकरण का काम ज़ोरो से चल रहा है। जयनगर नेपाली रेलवे स्टेशन से कुछ ही दूरी पर गुमटी नंबर एक के पास यू टाइप सड़क बनाने की क़वायद तेज़ कर दी गई है। इस बाबत अतिक्रमण भी हटाया जा चुका है।
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