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JDU गठबंधन ने तीसरी बार गंवाई कुढ़नी सीट, क्या नई जोड़ी जनता को नहीं आ रही पसंद?

बिहार की कुढ़नी सीट एक बार फिर जेडीयू हार गई है। कुछ लोगों का मानना है कि जनता को महागठबंधन का साथ नहीं पसंद आया, जबकि कुछ इसके पीछे की वजह शराबबंदी को बता रहे।

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Bihar: Kurhani Assembly Seat से BJP की जीत, महागठबंधन की हार क्यों? | वनइंडिया हिंदी *Politics

बिहार में कुढ़नी उपचुनाव के नतीजों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की टेंशन बढ़ा दी है। महागठबंधन के साथ जाने के बाद ये पहला चुनाव था, लेकिन करीबी मुकाबले में बीजेपी प्रत्याशी केदार गुप्ता ने जनता दल यूनाइटेड के मनोज कुशवाहा को हराया। बिहार के सभी राजनीतिक दल यही मान रहे थे कि जनता इसी चुनाव के जरिए साफ कर देगी कि नीतीश कुमार के नए गठबंधन से वो खुश है या नहीं।

वैसे कुढ़नी सीट पर जेडीयू और उसके गठबंधन की ये लगातार तीसरी हार है। 2015 में नीतीश जब महागठबंधन के साथ मैदान में उतरे तो उस वक्त बीजेपी के केदार गुप्ता जीते थे। इसके बाद 2020 में जेडीयू और बीजेपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा, जहां गुप्ता फिर से एनडीए उम्मीदवार के रूप में उतरे, लेकिन वो अनिल साहनी से 712 वोट से हार गए। कुछ दिनों पहले साहनी को भ्रष्टाचार के मामले में सजा हो गई थी। ऐसे में उनकी विधानसभा की सदस्यता चली गई।

एक बार फिर इस सीट से हार के बाद जेडीयू नेता ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर सवाल खड़े करने लगे हैं। ज्यादातर नेता अपने उम्मीदवार मनोज कुशवाहा की छवि को हार का कारण मानते हैं। कहा जा रहा कि कुशवाहा ने अपने दखल से स्थानीय नेताओं समेत कई लोगों को नाराज किया, जबकि कुछ लोग इसके पीछे की वजह शराबबंदी को मानते हैं, जिसके तहत 2016 से ब्रांडेड और ताड़ी प्रतिबंधित है।

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दबी जुबान में जेडीयू नेता कह रहे कि ये राजनीतिक रूप से आत्मघाती है, क्योंकि इसने पूरे राज्य में दलित समुदाय के लाखों लोगों के रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। ताड़ी बंदी के उल्लंघन के मामलों में पुलिस की कार्रवाई से स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश था। इसी वजह से जेडीयू इस सीट को हार रही। कुढ़नी में करीब 18 प्रतिशत दलित हैं, जिसमें से काफी लोग ताड़ी पर निर्भर थे। ऐसे में पार्टी नेताओं का मानना है कि सीएम को इस पर फिर से विचार करना चाहिए। हालांकि जेडीयू का एक खेमा ऐसा भी है, जो मानता है कि इस कदम से महिलाओं का पूरा साथ उनको मिल रहा है।

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English summary
Nitish Kumar jdu again lost Kurhani by-election know big reason
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