बिहारः तेजस्वी के बयान पर जीतन राम मांझी ने तोड़ी चुप्पी, कहा- NDA बिहार में मजबूत है
पटना। बीते शुक्रवार को बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और विधायक तेजस्वी यादव राघोपुर पहुंचे हुए थे। इस दौरान बाढ़ पीड़ितों से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि घबराओ मत दो-तीन महीने में सरकार गिर जाएगी। इस बयान के बाद से प्रदेश की सियासत गरमायी हुई है। वहीं इस बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए तेजस्वी यादव के दावे को सिरे से खारिज कर दिया। मांझी ने कहा कि बिहार में एनडीए पूरी तरह से एकजुट है और हम-वीआईपी एनडीए के साथ मजबूती से खड़े हैं। इसके अलावा जीतन राम मांझी ने चिराग पासवान पर हमला बोलते हुए कहा कि वो अब एनडीए में नहीं हैं और चिराग पासवान के तेजस्वी के साथ जाने से फर्क नहीं पड़ेगा। ऐसा नहीं है कि दलित वोटर केवल चिराग के साथ हैं।
जीतन राम मांझी ने कहा कि चिराग के पिता का जो जनाधार रहा है उसमें से पशुपति पारस के भी लोग जाएंगे। चिराग पासवान कोई जमीनी नेता नहीं हैं, जितना जनसंपर्क होना चाहिए वो उतना जनसंपर्क नहीं बना पाए हैं। वो जो कुछ भी हैं अपने पिता जी की विरासत पर हैं। रामविलास पासवान की जयंती कार्यक्रम पर टिप्पणी करते हुए मांझी ने कहा कि केवल जयंती मनाने से ही एससी-एसटी तेजस्वी यादव के साथ नहीं जाएगा।
बता दें कि भाजपा ने तेजस्वी यादव के बयान को शिगुफा बताया है तो वहीं जदयू ने मुंगेरी लाल के हसीन सपने बताए। BJP के नेता और बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन इसे हास्यापद बताते हैं। उनका कहना है कि ये बयान तेजस्वी यादव की बेचैनी को बताता है। सत्ता की लोलुपता इतनी ज्यादा है कि वो इस तरह के बयान देकर अपने आप को सुर्खियों में रख रहे हैं। जब वे नींद से जगते हैं तो इसी तरह का बयान देकर अपने आप को झूठी तसल्ली दे रहे हैं। ये इतने दिनों से गायब थे, अब जब अपने लोगों के बीच में गए तो शिगूफा छोड़ आए। तेजस्वी यादव का ये बयान पूरी तरह से निराधार है। उनके इस बयान में कोई तर्क नहीं है।
तेजस्वी यादव के बयान को BJP ने बताया शिगूफा तो जदयू ने कहा- मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं
204 दिन के बाद पहुंचे क्षेत्र
तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद JDU के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह कहते हैं कि तेजस्वी यादव दिन में ही मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखने लगे हैं। 204 दिन के बाद अपने क्षेत्र में गए और बोला भी तो झूठ। तेजस्वी यादव इसी तरह से अपने लोगों को बरगलाकर वोट लेते हैं। सरकार पूरी तरह से मजबूत है। सरकार के सभी सहयोगी दल आपस में मजबूत है। ऐसे में तेजस्वी अपने इस बयान के बाद और भी हल्के हो गए हैं।