JDU New President: कौन हैं उमेश कुशवाहा, जो बने जदयू के नए प्रदेश अध्यक्ष, जानिए सियासी सफर?
JDU New President:3 जनवरी 1973 को उमेश कुशवाहा का जन्म हुआ, उन्होंने 1990 में सियासी सफर की शुरुआत की और धीरे-धीरे नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में अपनी जगह बना ली। शुरुआत में वह जनता दल के सदस्य रहे, फिर नीतीश कुमार...
JDU New President: बिहार में बदल रही सियासी फिज़ा के बीच सीएम नीतीश कुमार ने पार्टी के सियासी समीकरण को ठीक करने में जुट गए हैं। इसी क्रम में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी उमेश कुशवाहा को दी है। कोइरी समुदाय से आने वाले उमेश कुशवाहा को अहम ज़िम्मेदारी देने से पार्टी का ज़मीनी स्तर पर वोट बैंक बढ़ेगा। इसके साथ ही कुढ़नी उपचुनाव में भी फायदा मिलने की उम्मीद है।
1990 में की सियासी सफर की शुरुआत
3 जनवरी 1973 को उमेश कुशवाहा का जन्म हुआ, उन्होंने 1990 में सियासी सफर की शुरुआत की और धीरे-धीरे नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में अपनी जगह बना ली। शुरुआत में वह जनता दल के सदस्य रहे, फिर नीतीश कुमार के साथ जदयू में शामिल हो गए। पार्टी के लिए उमेश कुशवाहा ज़मीनी स्तर से जुड़कर काम तो करते रहे लेकिन पहली बार वह 2015 में विधायक बने। जदयू की टिकट पर उन्होंने महनार विधानसभा से जीत दर्ज की। 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा । राजद के प्रत्याशी बीना सिंह ने उन्हें शिकस्त दी।
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महनार विधानसभा सीट से दर्ज की थी जीत
बिहार की महनार विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी की परंपरागत सीट मानी जाती थी। 2010 में भाजपा के डॉ. अच्युतानंद इस सीट से विधायक थे। 2015 में सियासी समीकरण बदला और जदयू-भाजपा गठबंधन टूटने के बाद, जदयू ने राजद के साथ मिलकर चुनावी बिगुल फूंका। बदले सियासी समीकरण में जदयू ने उमेश कुशवाहा को चुनावी मैदान में उतारा और उन्होंने जीत दर्ज की। सियासी जानकारों की मानें तो राजद-जदयू के साथ चुनाव लड़ने की वजह से ही उमेश कुशवाहा ने जीत दर्ज की थी। क्योंकि अगर महनार विधानसभा सीट पर जदयू का प्रभाव होता तो 2020 के विधानसभा चुनाव में भी जदयू उम्मीदवार जीत दर्ज करते।
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राजद उम्मीदवार बीना सिंह ने दी थी मात
2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू-भाजपा के साथ एनडीए गठबंधन का हिस्सा थी, इसके बावजूद जदयू उम्मीदवार को उमेश कुशवाहा को राजद उम्मीदवार बीना सिंह ने मात दी थी। इससे साफ ज़ाहिर है कि जदयू-राजद का गठबंधन बिहार में हिट जोड़ी साबित होती रही है। बिहार में एक बार फिर राजद-जदयू साथ मिलकर सत्ता में वापसी की है, आने वाले चुनाव में विपक्षी दलों के उम्मीदवार और महागठबंधन के उम्मीदवार के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है। क्योंकि चेहरा वही है बस गठबंधन की तस्वीर बदल गई है।
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